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चाचौड़ा-बीनागंज में डोल ग्यारस पर निकाले गए आकर्षक डोल

बीनागंज। सोमवार को चाचौड़ा-बीनागंज में घनगोर बारिस के बीच डोल ग्यारस का उत्साह सुबह से ही दिखाई देने लगा। दोपहर बाद से ही दोनों नगर में आकर्षक डोल निकाले गए, वहीं महिलाओं द्वारा पूजन-अर्चन कर सुख समृद्धि के लिये भी कामना की गई। ज्योतिष शास्त्र में डोल ग्यारस को जल झूलनी एकादशी भी कहा गया है। डोल ग्यारस के अवसर पर चाचौड़ा-बीनागंज में सभी समाज द्वारा डोल बनाये जाते है और प्रमुख मंदिरों से डोल निकाले गए, जिनमें घोसी समाज, शाक्यबार समाज, माली समाज, सतनारायण मन्दिर समिति, सोपर परिवार, बाकेविहारी मन्दिर समिति, भक्तमाल जी मन्दिर समिति, सन्त परिवार, त्यागी, नरसिंह मंदिर, से डोल की साज सज्जा कर अकाड़ों के साथ डोल निकाले जाते हैं।

चाचौड़ा में लगभग 42 डोल और बीनागंज में 11 डोल निकाले जाते हैं दोनों नगरों चाचौड़ा में बजरंग अखाड़ा, माली समाज अखाड़ा, नरसिंह मन्दिर अखाड़ा तो बीनागंज में भीम बली अखाड़ा एवं शिल्पकार समाज शिव भोले बजरंग अखाड़े के साथ डोलो को निकाला जाता है। चाचौड़ा बीनागंज नगर परिषद अध्यक्ष श्रीकृष्ण भोला सोनी द्वारा दोनो नगरों के अखाड़ों की पूजा अर्चना कर अखाड़ों के सम्माननीय सदस्यों को साफा बांधकर उनका स्वागत किया गया। भक्तों द्वारा भजन गाते हुए डोल ग्यारस उत्सव चल समारोह निकाला गया, जिसमें हजारों की संख्या में दोनों नगरों में भक्त मौजूद रहे।

जनप्रतिनिधियों ने किया भगवान कृष्ण का स्वागत-
यूं तो जनप्रतिनिधियों द्वारा प्रत्येक चल समारोह में स्वागत किया जाता है पर भगवान श्री कृष्ण के इस चल समारोह में जनप्रतिनिधियों द्वारा भगवान कृष्ण की पूजा आराधना कर फूल माला चढ़ा कर श्री कृष्ण का स्वागत किया, साथ ही जनप्रतिनिधियों द्वारा करतब दिखाने वाले अखाड़े के खलीफाओं का भी साफा बांधकर स्वागत किया। अखाड़ों में खलीफाओं ने अपने-अपने अनोखे ढंग से मलखम चकरी बलम आदि जैसे करतब दिखाएं। चाचौड़ा बीनागंज नगर में निकाले जाने वाले अखाड़ों के खलीफाओं द्वारा बताया गया कि स्थानीय अखाड़े उनके पूर्वजों के द्वारा निकाले जाते थे। वह प्रथा आज भी हमारे द्वारा चलाई जा रही है।

डोल ग्यारस चल समारोह में किया स्वागत-
अखाड़ा व डोल समितियों द्वारा चाचौड़ा विधायक लक्ष्मण सिंह एवं अनुरागी अधिकारी एसडीओपी थाना एवं चौकी पुलिस बल का फूल-माला एवं साफा बांधकर चल समारोह में स्वागत किया गया।

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