अयोध्या। मिल्कीपुर उप चुनाव में हुए उप चुनाव से अधिक मत पड़े। मिल्कीपुर में 65 फीसदी से अधिक मतदान होने का अनुमान है।मतदान शांतिपूर्ण ढंग से सम्पन्न हो गया।प्रशासन ने शांतिपूर्ण ढंग से मतदान कराने के लिए व्यापक व्यवस्था कर रखी थी। मतदान के प्रतिशत का चुनाव आयोग की आधिकारिक आंकड़े अभी नहीं मिले सके।
मिल्कीपुर उप चुनाव में भाजपा और सपा के बीच सीधी लड़ाई में दो दशक का मतदान रिकॉर्ड टूट गया। 2002 से अब तक हुए दो उप चुनाव समेत सात विधानसभा चुनाव में इस बार जमकर वोट बरसे। 65 फीसदी से अधिक मतदान हुआ। 2022 के विधानसभा चुनाव से लगभग पांच फीसदी अधिक मत पड़े। इतना ही नहीं लगभग आठ महीने पहले हुए लोकसभा चुनाव से भी छह फीसदी अधिक मतदान हुआ है। 2024 के लोकसभा चुनाव में 59.14 फीसदी मत पड़े थे। राम मंदिर बनने के बाद हुए लोकसभा चुनाव में फैजाबाद सीट पर भाजपा की हार और सपा की जीत के बाद हो रहे इस उप चुनाव में दोनों दलों की ओर से पूरी ताकत झोंक रखी गई थी। दोनों दलों के कद्दावर नेताओं, विधायकों तथा संगठन के पदाधिकारियों ने मोर्चा संभाल रखा था।
पूरे इलाके को मथकर लोगों को मतदान के लिए प्रेरित किया गया। हर बूथ स्तर की जिम्मेदारी जिम्मेदार लोगों को सौंपी गई। रोजी-रोजगार तथा पढ़ाई लिखाई के सिलसिले में बाहर रहने वाले लोगों से संपर्क साधकर उन्हें बुलाया गया। यही वजह है कि बूथों तक मतदाता भारी संख्या में पहुंचे। सुबह से शाम तक मतदान का सिलसिला जारी रहा। इस बार मतदाताओं में मतदान को लेकर खासा उत्साह रहा।
मौसम में बदलाव का असर भी देखने को मिला। सुबह नौ बजते-बजते बूथों पर लंबी लंबी कतारें दिखीं। मतदान लगभग 13 फीसदी तक पहुंच गया। इसके बाद यह सिलसिला थमा नहीं और देर शाम तक 65 प्रतिशत से अधिक मतदान होने का अनुमान है ।
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रिपोर्ट-जय प्रकाश सिंह