गोरखपुर। पूर्व उपमुख्यमंत्री डा दिनेश शर्मा ने कहा कि मारवाडी समाज का गौरवशाली इतिहास रहा है। इस समाज के लोगों ने अपने व्यवसाय को आगे बढाकर देश की अर्थव्यवस्था में योगदान देने के साथ समाज सेवा के क्षेत्र में भी अतुलनीय कार्य किए है। देश पर आक्रान्ताओं के आक्रमण के समय में मारवाडी समाज ने तलवार उठाकर उनका भी सामना किया था।
अंग्रेजों से आजादी दिलाने के लिए कांग्रेस द्वारा किए गए आन्दोलन को आर्थिक सहयोग भी यही समाज देता था। इन लोगों ने मेहनत और लगन समाज में विशेष स्थान बनाया है। आभाव में प्रभाव डालने वाले मारवाडी समुदाय के लोगों को अपने स्वभाव व व्यवहार में परिवर्तन करने की जरूरत नहीं है। मारवाडी समाज की विशेषता है कि वह अपनी परम्पराओं को जीवित रखने के लिए लगातार प्रयत्नशील है।
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मारवाडी समाज के प्रान्तीय अधिवेशन को सम्बेधित करते हुए उन्होंने कहा कि लोकतंत्र की विशेषता है कि चुनाव में जो भी चुना जाता है अन्य सभी उसे सहयोग करते हैं। आज मारवाडी संघ के चुनाव में भी आशा है कि वैसा ही होगा।
डा शर्मा ने कहा कि इस समाज का इतिहास काफी पुराना है। गणेश्वरी सभ्यता में व्यवसाय को बढाने वाले लोग मारवाडी कहलाए थे। उन्होंने इतिहास की चर्चा करते हुए कहा कि पाली, शेखावटी तथा उसके आसपास के क्षेत्रों से राजस्थान में मारवाड आरंभ होता है और वहां की भाषा माडू है। इस भाषा को बोलने वाले मारवाडी कहलाए थे।
मुड़िया भाषा द्वारा ऐसी प्राविधि तैयार की गई थी कि उस में हिसाब किताब मिनटों में हो जाते थे ,कम्प्यूटर तो आज की देन हैं पर मारवाडी समाज के लोग बडे बडे लेन देन की गणना उंगलियों पर ही कर लिया करते थे और यह उनकी मेधा शक्ति का परिचायक है। एक समय ऐसा भी आया था जबकि राजस्थान में रहने वाले मारवाडी कहलाने लगे। इसके बाद समाज के लोगों ने अलग अलग क्षेत्रों में पलायन किया और उन स्थानों पर व्यवसाय को स्थापित किया।
उन्होंने कहा कि मारवाडी समाज एक ऐसा समाज है जिसने अपनी भाषा तथा संस्कारों को बनाये रखा है। इस समाज की महिलाएं अपने परिवार को बेहद शालीनता के साथ अपनी परंपराओं को बनाए रखते हुए शानदार तरह से जोड कर रखती है। उनकी तरक्की को लेकर अमेरिका और आष्ट्रेलिया तक में शोध तक हुआ है जिसने साफ हुआ कि इस समाज की महिलाए परिवार की धुरी होने के साथ ही अपनी जिम्मेदारियों का बखूबी निर्वहन करती है।
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उन्होंने कहा कि ऐसे समय में जब दुनिया सम्पन्नता के तरीके के लिए इस समाज की ओर देख रही हो तब समाज के लोगों का अपनी परम्पराओं को भूलना ठीक नहीं है। एकल परिवारों के साथ ही बच्चों को संस्कृति का ज्ञान कराने का चलन कम हुआ है। पहले के समय में घर के बुजुर्ग लोरी सुनाते सुनाते बच्चे को अपने समाज के गौरव व संस्कारों को बता देते थे। अब ऐसा नहीं होता है।
उनका कहना था कि मारवाडी समाज का तो खान पान भी स्वास्थ्यवर्धक ही होता है। इस समाज के लोग कंजूस नहीं होते हैं बल्कि वे पैसे का सही उपयोग करना जानते हैं। वह मितव्यई होते हैं। इसलिए जब भी समाज और देशहित में अच्छे कार्य की बात होती है तो इस समाज के लोग सबसे आगे रहते हैं। आज देश में सबसे अधिक कर देने वाले लोग भी इसी समाज से आते हैं।
इस अवसर पर पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष मारवाड़ी मंच अनिल जाजोदिया, नेपाल राष्ट्र से मारवाड़ी युवा मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष महेश अग्रवाल, शाखा अध्यक्ष नवीन पलरीवल, प्रांतीय महामंत्री अखिलेश अग्रवाल, प्रांतीय कोषाध्यक्ष अतुल अग्रवाल, स्वगताध्यक्ष पंकज अग्रवाल, राष्ट्रीय सहायक मंत्री निकुंज केडिया, राष्ट्रीय महामंत्री प्रशांत खंडेलिया, प्रांतीय अध्यक्ष अनुराग अग्रवाल, विशिष्ट अतिथि विजय कुमार अग्रवाल उपस्थित रहे।
बाद में मुख्यअतिथि डॉ दिनेश शर्मा द्वारा विशिष्ठ कार्य करने वाले 9 महानुभावों को मारवाडी नवरत्न पुरस्कार से सम्मानित किया गया। डॉ दिनेश शर्मा जनपद अयोध्या, संत कबीर नगर, बस्ती में भी सामाजिक संस्थाओं के तमाम कार्यक्रमो में सम्मिलित हुए।