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सतत विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए मुख्य क्षेत्रों की पहचान करेगा इंडिया क्लीन एयर समिट

दिल्ली। इंडिया क्लीन एयर समिट (आईसीएएस) का 5वां आयोजन सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) और मिशन लाइफ पर प्रदूषण के प्रभाव पर संवाद की शुरूआत करेगा. यह सम्मलेन 23-25 अगस्त के बीच बेंगलुरु में आयोजित किया जाएगा. इस सम्मलेन का मकसद स्वच्छ वायु लक्ष्यों और जलवायु नीतियों के बीच तालमेल स्थापित करना और इस बात पर चर्चा करना है कि वायु प्रदूषण आंकड़ों का लोकतांत्रीकरण बेहतर नागरिक विज्ञान को कैसे सक्षम बना सकता है.

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3 दिवसीय शिखर सम्मेलन का आयोजन सेंटर फॉर स्टडी ऑफ साइंस, टेक्नोलॉजी एंड पॉलिसी (सीएसटीईपी) के सेंटर फॉर एयर पोल्यूशन स्टडीज (सीएपीएस) द्वारा किया जा रहा है – जो भारत के अग्रणी नीति-अनुसंधान थिंक टैंक में से एक है. आईसीएएस 2023 का लक्ष्य एसडीजी और जलवायु परिवर्तन के खतरों को कम करने संबंधी भारत की नीतियों में स्वच्छ हवा को प्राथमिकता प्रदान करना है.

सतत विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए मुख्य क्षेत्रों की पहचान करेगा इंडिया क्लीन एयर समिट

आईसीएएस के इस साल के आयोजन में भाग लेने वालों में शामिल हैं: नीति आयोग के सदस्य डॉ वीके सारस्वत, सांसद गौरव गोगोई, कर्नाटक और उत्तर प्रदेश सरकारों के नौकरशाह, डब्ल्यूएचओ निदेशक डॉ मारिया नीरा, केंद्रीय और राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्डों के प्रतिनिधि, कई आईआईटी, संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम, कोलंबिया विश्वविद्यालय और भारतीय उष्णदेशीय मौसम विज्ञान संस्थान के विषय विशेषज्ञ, नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ अर्बन अफेयर्स की प्रोफेसर देबोलिना कुंडू, सेंटर फॉर पॉलिसी रिसर्च की फेलो शिबानी घोष, वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद-राष्ट्रीय पर्यावरण इंजीनियरिंग अनुसंधान संस्थान (दिल्ली जोनल सेंटर) के मुख्य वैज्ञानिक डॉ एसके गोयल और पोस्टग्रेजुएट इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च के प्रोफेसर ऑफ़ एनवायरनमेंटल हेल्थ डॉ रवींद्र खैवाल.

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आईसीएएस 2023 विभिन्न एसडीजी पर वायु प्रदूषण के प्रभाव पर प्रकाश डालेगा. जैसे कि बेहतर स्वास्थ्य और जन कल्याण, स्वच्छ और किफायती ऊर्जा, टिकाऊ शहर, जलवायु कार्रवाई और जैव विविधता संरक्षण. इसके साथ-साथ यह इन लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए सहयोग और साझेदारी पर भी ध्यान केंद्रित करेगा.

पैनलिस्ट यह पता लगाने के लिए विचार-विमर्श करेंगे कि स्वच्छ हवा और एसडीजी कैसे आपस में जुड़े हुए हैं, एसडीजी हासिल करने की राह में आने वाली बाधाएं, बेहतर सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए उन्हें दूर करने के तरीके और स्वच्छ हवा के उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए भारत में शहरी एवं ग्रामीण नीतियों के बीच अंतर्संबंध क्या-क्या हैं.

आयोजन में ज्ञान साझा करने संबंधी कमियों को दूर करने, विभिन्न हितधारकों के बीच सहयोग को बढ़ावा देने के तरीके खोजने, जलवायु नीतियों और चुनौतियों के साथ स्वच्छ हवा को एकीकृत करने के सफल केस स्टडीज, राष्ट्रीय पॉलिसी फ्रेमवर्क संबंधी जलवायु कार्य योजनाओं में स्वच्छ हवा को शामिल करने आदि पर भी चर्चा की जाएगी.

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