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सुरक्षा परिषद की बैठक में भारत ने आतंकियों से निपटने में दोहरे मापदंड का किया विरोध

आतंकवादी कृत्यों से अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा को खतरा’ विषय पर चीन की अध्यक्षता में सुरक्षा परिषद की बैठक बुलाई गई। इस बैठक में संयुक्त राष्ट्र में भारत की स्थायी प्रतिनिधि रुचिरा कम्बोज ने कहा कि आतंकियों से निपटने में दोहरा मापदंड नहीं होना चाहिए। यह सब से खेदजनक है कि दुनिया के कुछ सबसे कुख्यात आतंकवादियों से संबंधित वास्तविक और साक्ष्य-आधारित लिस्टिंग प्रस्तावों को ताक पर रखा जा रहा है। उन्होंने कहा कि यह वास्तव में हैरान करने वाला है कि महासचिव की रिपोर्ट ने इस क्षेत्र में कई प्रतिबंधित समूहों की गतिविधियों पर ध्यान नहीं देने का फैसला किया, विशेष रूप से उन समूहों की जो बार-बार भारत को निशाना बना रहे हैं। यूएनएससी ब्रीफिंग में संयुक्त राष्ट्र में भारत की राजदूत रुचिरा कंबोज ने कहा कि भारत का निकटतम पड़ोसी अफगानिस्तान हाल के दिनों मे आतंकवादी घटनाओं की बाढ़ का गवाह रहा है। उन्होंने इन घटनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि काबुल में 18 जून को सिख गुरुद्वारे में हुए हमले और उसके बाद 27 जुलाई को एक और बम विस्फोट बेहद खतरनाक हैं।

संयुक्त राष्ट्र में भारत की स्थायी प्रतिनिधि रुचिरा कम्बोज ने आतंकवाद के खिलाफ खोला मोर्चा।

रुचिरा कम्बोज ने आगे कहा कि दोहरे मापदंड और निरंतर राजनीतिकरण ने यूएनएससी की प्रतिबंध व्यवस्था की विश्वसनीयता को अब तक के सबसे निचले स्तर पर पहुंचा दिया है। हमें उम्मीद है कि अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद के खिलाफ इस सामूहिक लड़ाई में यूएनएससी के सभी सदस्य जल्द से जल्द एक स्वर में आवाज उठाएंगे।

अब्दुल रहमान मक्की अमेरिका द्वारा नामित आतंकवादी है। ये लश्कर-ए-तैयबा प्रमुख और 26/11 मुंबई आतंकी हमले का मास्टरमाइंड हाफिज सईद का रिश्तेदार है। नई दिल्ली और वाशिंगटन ने अब्दुल रहमान मक्की को वैश्विक आतंकवादी के रूप में नामित करने का एक संयुक्त प्रस्ताव रखा था, लेकिन चीन ने अंतिम समय में इस प्रस्ताव पर रोक लगा दी थी। इससे पहले भी चीन ने पाकिस्तान स्थित आतंकवादियों को सूचीबद्ध करने के लिए भारत और उसके सहयोगियों द्वारा प्रस्ताव पर रोक लगा दी थी।

गौरतलब है कि भारत वर्तमान में साल 2022 के लिए सुरक्षा परिषद की आतंकवाद-रोधी समिति का अध्यक्ष है। साथ ही अक्टूबर में अमेरिका, चीन और रूस सहित संयुक्त राष्ट्र संघ के 15 देशों के राजनयिकों की आतंकवाद-विरोध पर होने वाली एक विशेष बैठक की मेजबानी करेगा। ये बैठक राजधानी दिल्ली और मुंबई में 28 से 30 अक्टूबर तक होगी। सुरक्षा परिषद के वर्तमान सदस्य अल्बानिया, ब्राजील, गैबॉन, घाना, भारत, आयरलैंड, केन्या, मैक्सिको, नॉर्वे और यूएई के साथ-साथ पांच स्थायी सदस्य चीन, फ्रांस, रूस, यूके और यूएस हैं।

रिपोर्ट: शाश्वत तिवारी

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