भारत ने चीन सीमा पर अपनी रणनीति में आक्रामक बदलाव करते हुए 50,000 अतिरिक्त सैनिकों की तैनाती की है। भले ही चीन और भारत के बीच 1962 में युद्ध हुआ था, लेकिन आमतौर पर भारतीय सेना का फोकस पाकिस्तान से लगती सीमा ही रही है। लेकिन बीते कुछ सालों में चीन सीमा पर भी तेजी से परिदृश्य बदला है।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर भारत ने 50 हजार सैनिकों को भेजा है। साथ ही लड़ाकू विमानों को भी अलर्ट पर रखा है। हालांकि, भारतीय सेना और प्रधानमंत्री कार्यालय के प्रवक्ता ने इस संबंध में पूछे गए सवाल पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी।
भारत और चीन के बीच वर्ष 1962 में दो युद्ध हुए। फिर भी भारत ने रणनीतिक लिहाज से पाकिस्तान को ज्यादा तवज्जो दी क्योंकि कश्मीर 1947 से ही दोनों देशों के बीच बेहद संवेदनशील मुद्दा बना रहा है। पिछले वर्ष 15 जून को पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में चीनी सैनिकों ने धोखे से भारतीय सैनिकों पर हमला बोल दिया.
ड्रैगन की ओर से सीमा पर अतिक्रमण, इन्फ्रास्ट्रक्चर के निर्माण और सेना एवं हथियारों की तैनाती में इजाफा किए जाने के चलते इस मोर्चे पर भी सतर्कता बढ़ गई है। बीते साल लद्दाख के पास गलवान घाटी में भारत और चीन के सैनिकों के बीच हिंसक झड़प देखने को मिली है। इसके बाद अब यह फैसला भारत की रणनीति में अहम बदलाव का संकेत है।