भारत को प्रस्तावित मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) के तहत यूरोपीय संघ (ईयू) से चिकित्सा उपकरणों के क्षेत्र में कुछ विशेष छूट की मांग करनी चाहिए। इससे भारत अपने निर्यात को बढ़ावा दे सकेगा। ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (जीटीआरआई) ने रविवार को यह सुझाव दिया।
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भारत अधिकांश चिकित्सा उपकरणों पर 0 से 10 फीसदी तक टैरिफ लगाता है। अगर भारत बिना यूरोपीय संघ के नियामक चुनौतियों को हल किए चिकित्सा उपकरणों पर टैरिफ कम करता है, तो इससे यूरोपीय संघ से आयात बढ़ सकता है, लेकिन निर्यात कम हो सकता है। जीटीआरआई ने कहा, एक समान और निष्पक्ष व्यापार सौदा करने के लिए भारत को बदले में कुछ छूट की मांग करनी चाहिए। भारत को चिकित्सा उपकरणों पर टैरिफ तभी कम करना चाहिए, जब यूरोपीय संघ अपने गैरजरूरी टैरिफ के अवरोधों को हटाए।
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चिकित्सा उपकरणों के लिए भारत-यूरोपीय संघ वार्ता असमान है। यूरोपीय संघ जहां चिकित्सा उपकरणों पर भारत से शून्य टैरिफ की मांग करता है, वहीं दूसरी तरफ वह उच्च नियामक अवरोध बनाए रखता है, जो भारत के निर्यात को यूरोपीय संघ के बाजारों के लिए कठिन बना देता है।
चिकित्सा उपकरणों के लिए भारत-ईयू एफटीए वार्ता असमान है। जहां एक तरफ यूरोपीय संघ भारत से चिकित्सा उपकरणों पर शून्य शुल्क की मांग करता है, वहीं दूसरी तरफ भारतीय उत्पादों को अपने बाजार में बेचने में मुश्किलें पैदा करता है। इससे भारत को यूरोपीय संघ के बाजार में अपने निर्यात को बढ़ाने में दिक्कत होती है।