संयुक्त राष्ट्र, (शाश्वत तिवारी)। भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में पाकिस्तान को आतंकवाद का वैश्विक केंद्र बताया और कहा कि पाकिस्तान में 20 से अधिक संयुक्त राष्ट्र की ओर से प्रतिबंधित आतंकी संगठन मौजूद हैं तथा इसके बावजूद जब वह खुद को आतंकवाद के खिलाफ लड़ने वाला देश बताता है, तो यह सबसे बड़ी विडंबना है।
संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि पी हरीश (P Harish) ने मंगलवार को ‘बहुपक्षवाद का अभ्यास, सुधार एवं वैश्विक शासन में सुधार’ पर आयोजित एक खुली बहस के दौरान भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए यह टिप्पणी की।
उन्होंने कहा कि भारत पाकिस्तान समर्थित आतंकवाद का शिकार रहा है और पड़ोसी देश की धरती से चलने वाले जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) जैसे आतंकी संगठनों ने भारत में कई आतंकी हमले किए हैं। आतंकवाद के मामले में कोई भेदभाव नहीं किया जाना चाहिए और यूएनएससी को ‘अच्छे’ और ‘बुरे’ आतंकवादियों के बीच अंतर नहीं करना चाहिए।
भारत की तरफ से यह बयान तब आया, जब पाकिस्तान के उप प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री मोहम्मद इशाक डार ने यूएनएससी में जम्मू-कश्मीर का मुद्दा उठाया था। इस पर भारत ने कड़ा जवाब देते हुए कहा कि जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न हिस्सा है और रहेगा। जम्मू-कश्मीर के लोगों ने पिछले साल अपनी सरकार चुनने के लिए बड़ी संख्या में मतदान किया था।
राजदूत हरीश ने कहा आतंकवाद का कोई भी कारण या मकसद स्वीकार्य नहीं हो सकता। निर्दोष लोगों पर हमला किसी भी तरह से जायज नहीं ठहराया जा सकता। पाकिस्तान झूठ तथा गलत जानकारी फैलाने की कोशिश करता है, मगर इससे सच्चाई नहीं बदलती है।
न्यूयॉर्क स्थित संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी मिशन के एक बयान के अनुसार, इस दौरान हरीश ने सुरक्षा परिषद में सुधार के लिए भारत के आह्वान को भी दोहराया। इसके साथ ही उन्होंने आम अफ्रीकी स्थिति के लिए समर्थन की पुष्टि की और इस बात पर जोर दिया कि वैश्विक दक्षिण को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है।