जब भी उत्तर प्रदेश में स्थित आगरा जिले का जिक्र होता है तो सबसे पहले ताजमहल का ख्याल आता है। ताजमहल के साथ-साथ वहां कई ऐसी एतिहासिक इमारते हैं, जिन्हें मुगलकाल में बनाया गया है। इन इमारतों को देखने विदेशों से भी लोग आते हैं।
पर, क्या आप जानते हैं कि इसी आगरा में एक ऐसा शिव मंदिर है, जिसकी स्थापना स्वंय भोलेनाथ ने की थी। इस शिव मंदिर का नाम है मनकामेश्वर महादेव मंदिर। आगरा के रावतपाड़ा में स्थित मनकामेश्वर महादेव मंदिर के दर्शन करने लोग दूर-दूर से आते हैं। ऐसी मान्यता है कि यहां जाकर हर मनोकामना पूरी होती है। ऐसे में इस महाशिवरात्रि आप भी इस मंदिर में जाकर महादेव की पूजा करें।
मनकामेश्वर मंदिर का महत्व
आगरा में स्थित इस मनकामेश्वर मंदिर का महत्व उस दौर से जुड़ा है, जब पृथ्वी लोक पर भगवान कृष्ण अपनी लीलाएं दिखा रहे थे। ऐसा कहा जाता है कि जब भगवान कृष्ण ने मथुरा में जन्म लिया था, तो भगवान भोलेनाथ उनके दर्शन के लिए पृथ्वी लोक पर आए थे।
इस दौरान इसी मंदिर के स्थान पर उन्होंने आराम किया और प्रण लिया था, कि यदि वो बाल गोपाल को अपनी गोद में उठाकर खिला पाए तो एक शिवलिंग की स्थापना करें। पर, जब वो मथुरा पहुंचे तो उनके रूप को देखकर यशोदा मैया डर गई और कान्हा को अंदर ले गई। ऐसे में भोलेनाथ भी वहीं एक पेड़ के नीचे ध्यान लगाकर बैठ गए। कान्हा को जब पता लगा कि स्वंय भोलेनाथ उनसे मिलने आए हैं तो उन्होंने लीला शुरू की, जिसके बाद यशोदा मैया ने उन्हें भगवान भोलेनाथ की गोद में बैठा दिया।
इसके बाद वापस लौटते समय अपने प्रण के हिसाब से स्वंय भगवान भोलेनाथ ने यहां शिवलिंग स्थापित की, और उसका नाम मनकामेश्वर रखा, क्योंकि यहां उनके मन की कामना पूरी हुई थी। इसीलिए मान्यता है कि इस मंदिर में सच्चे मन से की गई प्रार्थना अवश्य पूरी होती है। इस मंदिर में देसी घी से प्रज्ज्वलित होने वाली 11 अखंड जोत सालों से निरंतर जलती रहती हैं।