संयुक्त राष्ट्र (यूएन) महासभा के 76वें सत्र में हिस्सा लेने पहुंचे विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर के लिए बुधवार का दिन काफी गहमागहमी वाला रहा। सत्र के इतर उन्होंने एक दिन में 20 देशों के अपने समकक्षों से वन-टू-वन मुलाकात की, जिसकी चर्चा कूटनीतिक गलियारे में काफी जोर-शोर से हो रही है। इसके अलावा विदेश मंत्री जयशंकर जी-4 के सदस्यों से भी मिले और जी-20 विदेश मंत्रियों की एक बैठक को भी संबोधित किया।
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अमेरिकी यात्रा से दो दिन पहले विदेश मंत्री जयशंकर न्यूयॉर्क पहुंच गए थे। इस दौरान उन्होंने 21 सितंबर यानी मंगलवार को ब्रिटेन, नार्वे और इराक के विदेश मंत्रियों के साथ बैठक की थी। उसके बाद अगले दिन 20 देशों के विदेश मंत्रियों से वन-टू-वन मुलाकात की। मुलाकात के दौरान विदेश मंत्री जयशंकर ने जिन मुद्दों पर प्रमुखता से चर्चा की उनमें अफगानिस्तान, हिंद-प्रशांत क्षेत्र, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के ढांचे में सुधार और द्विपक्षीय व्यापार शामिल रहा।
इन देशों के विदेश मंत्रियों से जयशंकर ने की मुलाकात: विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने जिन देशों के विदेश मंत्रियों से मुलाकात की उनमें फ्रांस के जीन यवेस लेड्रियन, ईरान के नए विदेश मंत्री आमिर अब्दोलाहियां, मिस्र के विदेश मंत्री समेह शौकी, ऑस्ट्रेलिया के विदेश मंत्री मरिस पायने, इंडोनेशिया के विदेश मंत्री रेंटो मार्सूदी, वियतनाम के विदेश मंत्री बुई थान सोन, लिथुआनिया के विदेश मंत्री गेब्रियलियस लैंड्सबर्गिस, बेल्जियम: की विदेश मंत्री सोफी विल्मेस, साइप्रस के विदेश मंत्री क्रिस्टो डुलाइड्स, इटली के विदेश मंत्री लुइगी डि माओ, दक्षिण कोरिया के विदेश मंत्री चुंग यूई-योंग, डोमिनिकन गणराज्य के विदेश मंत्री रॉबर्टो अल्वारेज़, हंगरी के विदेश मंत्री पीटर स्ज़ीजर्टो, फिनलैंड के विदेश मंत्री पेक्का हाविस्टो, श्रीलंका के विदेश मंत्री जीएल पेइरिस, चिली के विदेश मंत्री एंड्रेस अल्लामंद, तंजानिया के विदेश मंत्री लिबर्टा मुलामुला, ब्राजील के विदेश मंत्री कार्लोस फ्रांका, जापान के विदेश मंत्री तोशिमित्सु मोतेगी और जर्मनी के विदेश मंत्री एफएम हेइको मास शामिल रहें।
जी-4 मंत्रियों के साथ इन मुद्दों पर हुई चर्चा: विदेश मंत्री जयशंकर ने जी-4 के विदेश मंत्रियों जर्मनी के हेइको मास, ब्राजील के कार्लोस अल्बर्टो फ्रेंको फ्रांका और जापान के मोतेगी तोशिमित्सु के साथ एक बैठक की। जिसके बाद मंत्रियों की ओर से एक संयुक्त बयान जारी किया गया है। इसमें उन्होंने कहा कि जी-4 मंत्रियों ने सुरक्षा परिषद को और अधिक वैध, प्रभावी और प्रतिनिधि बनाने के लिए इसमें सुधार करने की आवश्यकता को रेखांकित किया।
जी-20 में उठाया अफगानिस्तान का मुद्दा: जी-20 विश्व की 20 प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं के वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंक के गवर्नर्स का एक संगठन है, जिसमें 19 देश और यूरोपीय संघ शामिल हैं। जिसका प्रतिनिधित्व यूरोपीय परिषद के अध्यक्ष और यूरोपीय केंद्रीय बैंक द्वारा किया है। इसकी बैठक को संबोधित करते हुए विदेश मंत्री जयशंकर ने अफगानिस्तान का मुद्दा उठाया, जिसमें उन्होंने कहा कि किसी भी तरह से आतंकवाद के लिए अफगानिस्तान की धरती का इस्तेमाल नहीं करने देने की तालिबान की प्रतिबद्धता को लागू किया जाना चाहिए। दुनिया एक व्यापक आधार वाली समावेशी प्रक्रिया की अपेक्षा करती है जिसमें अफगान समाज के सभी वर्गों का प्रतिनिधित्व शामिल हो।
25 सितंबर को (यूएन) महासभा के सत्र को संबोधित करेंगे पीएम मोदी: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 25 सितंबर को संयुक्त राष्ट्र (यूएन) महासभा के 76वें सत्र में आम बहस को संबोधित करेंगे। इस दौरान भारत की तरफ से आतंकवाद, जलवायु परिवर्तन, वैक्सीन के लिए न्यायसंगत और सस्ती पहुंच, इंडो-पैसिफिक और संयुक्त राष्ट्र सुधार जैसे वैश्विक मुद्दों को मजबूती से उठाए जाने की उम्मीद है।