नई दिल्ली। सीमा पर चीन के बढ़ते खतरे के बीच भारत को इस साल एस-400 मिसाइल सिस्टम की डिलीवरी शुरू हो जाएगी। भारतीय वायु सेना प्रमुख ने इसकी पुष्टि की है। उधर रूसी अधिकारियों के हवाले से जारी एक बयान में कहा गया कि यह डील पहले से समय के अनुसार अपने निर्धारित ट्रैक पर चल रही है।
हालांकि, रूस के साथ इस रक्षा सौदे का अमेरिका शुरुआत से विरोध करता रहा है। अमेरिका ने एस-400 डील को लेकर भारत पर प्रतिबंधों की धमकी दी है। ऐसे में भारत की विदेश नीति के सामने सबसे चुनौती यह होगी कि वह अपनी रूस की इस डील के साथ अमेरिका से अपने संबंधों को मधुर बनाए रखे।
रूसी एस-400 मिसाइल की खूबी
एस-400 मिसाइल डिफेंस सिस्टम दुश्मन के हवाई हमलों को नाकाम करने में पूरी तरह से सक्षम है। यह मिसाइल सिस्टम एयरक्राफ्ट, क्रूज मिसाइल और यहां तक कि परमाणु मिसाइल को भी 400 किलोमीटर पहले ही नष्ट कर सकता है। इसका पूरा नाम एस-400 ट्रायम्फ है।
इसे नाटो देशों में SA-21 ग्रोलर के नाम से जाना जाता है। रूस द्वारा विकसित यह मिसाइल सिस्टम जमीन से हवा में मार करने में सक्षम है। यह सिस्टम किसी भी संभावित हवाई हमले का पता पहले ही लगा लेता है। इसमें लगा हुआ अत्याधुनिक रडार 600 किलोमीटर की दूरी तक लक्ष्य को देख सकता है।
इसके अत्याधुनिक रडार दुश्मन का पता लगाते ही अपने कंट्रोल कमांड को सिग्नल भेजते हैं। इसमें टारगेट की दूरी, उसकी स्पीड समेत सभी जरूरी सूचनाएं शामिल होती हैं। यह मिसाइल सिस्टम एक साथ 36 लक्ष्यों पर निशाना साध सकता है।