Breaking News

भारत की बढ़ती अर्थव्यवस्था, बड़ी आबादी बढ़ाएगी कार्बन उत्सर्जन; मूडीज की रिपोर्ट में खुलासा

नई दिल्ली। भारत ने अपनी अक्षय ऊर्जा क्षमता के निर्माण में खासी प्रगति की है, लेकिन इसकी तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था और बढ़ती आबादी कारों जैसी अधिक ऊर्जा इस्तेमाल करने वाले उत्पादों की मांग में बढ़ोतरी करेगी। इससे कार्बन का उत्सर्जन होगा और देश में ग्रीनहाउस गैस (जीएचजी) उत्सर्जन बढ़ेगा।

असम समझौते पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का AASU ने किया स्वागत, कहा- ये राज्य के लोगों की जीत है

भारत की बढ़ती अर्थव्यवस्था, बड़ी आबादी बढ़ाएगी कार्बन उत्सर्जन; मूडीज की रिपोर्ट में खुलासा

मूडीज की रिपोर्ट में खुलासा

मूडीज की कार्बन ट्रांजिशन-इंडिया शीर्षक वाली रिपोर्ट में कहा गया है, भारत की अर्थव्यवस्था 2024 में 7.2 फीसदी और 2025 में 6.6 फीसदी की दर से बढ़ने की उम्मीद है और यह अगले दशक तक इसी तेज रफ्तार से बढ़ती रहेगी। जैसे-जैसे लोगों की आमदनी बढ़ेगी और देश में औद्योगीकरण जारी रहेगा, ऊर्जा की मांग भी बढ़ेगी। इससे उत्सर्जन में और बढ़ोतरी होगी।

Please watch this video also 

जानकारी के अनुसार वैश्विक ग्रीनहाउस गैस (जीएचजी) उत्सर्जन में भारत की हिस्सेदारी 2019 के 6.7 फीसदी से बढ़कर 2022 में 7.5 फीसदी तक जा पहुंची हैं। इससे भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा जीएचजी उत्सर्जक बन गया है। हालांकि, भारत का प्रति व्यक्ति उत्सर्जन अन्य प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं के मुकाबले अभी भी कम है। इसका मतलब है कि सुधार की गुंजाइश है।

कृषि क्षेत्र दोगुने उत्सर्जन के लिए जिम्मेदार

भारत ने 2070 तक शून्य उत्सर्जन (नेट-जीरो) हासिल करने का वादा किया है और 2030 तक कार्बन उत्सर्जन कम करने के अपने लक्ष्यों की ओर कुछ प्रगति भी की है। लेकिन देश की तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था अभी भी जीएचजी उत्सर्जन को बढ़ाएगी। बिजली और हीटिंग क्षेत्र सबसे अधिक उत्सर्जन करते हैं। वहीं, कृषि में पशुपालन 22 फीसदी उत्सर्जन के लिए जिम्मेदार है, जो वैश्विक औसत से दोगुना है। इसमें अच्छी खासी मात्रा मीथेन की होती है।

About News Desk (P)

Check Also

‘जिगरा’ को पछाड़ आगे निकली ‘विक्की विद्या’, बॉक्स ऑफिस पर पस्त ‘देवरा’, ‘वेट्टैयन’ का जानें हाल

बॉलीवुड में आलिया भट्ट की फिल्म ‘जिगरा’ और राजकुमार राव-तृप्ति डिमरी (Rajkumar Rao-Tripti Dimri) की ...