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रूस के साथ संबंधों पर भारत का अमेरिका को कड़ा संदेश, हमें क्या खरीदना है क्या नहीं यह हमारा अधिकार

विदेश मंत्री एस जयशंकर इस समय अमेरिकी दौरे पर हैं। उन्होंने रूस से सैन्य समझौता करने पर सोमवार को अमेरिका को दो टूक जवाब दिया है। अमेरिका दौरे पर गए विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सोमवार को संयुक्त राज्य अमेरिका के प्रतिबंधों के खतरे के बावजूद रूस से मिसाइल रक्षा प्रणाली खरीदने के भारत के अधिकार का बचाव किया। उन्होंने कहा कि भारत रूस से एस-400 मिसाइल डिफेंस सिस्टम खरीदने के लिए स्वतंत्र है। उन्होंने स्पष्ट कहा कि हम नहीं चाहते कि कोई देश हमें बताए कि रूस से क्या खरीदना है और क्या नहीं।

जयशंकर ने अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पॉम्पियो के साथ सोमवार को बैठक से पहले कहा कि भारत रूस से मिसाइल डिफेंस सिस्टम एस-400 खरीदने के लिए स्वतंत्र है। उन्होंने कहा, ‘हम नहीं चाहते कि कोई देश हमें बताए कि रूस से क्या खरीदना है और क्या नहीं। हमने हमेशा इस बात को कहा है कि हम क्या सैन्य उपकरण खरीदते हैं, यह हमारा संप्रभु अधिकार है। इसी तरह हम नहीं चाहते कि कोई हमें बताए कि हमें अमेरिका से क्या खरीदना है और क्या नहीं।’

जयशंकर ने पत्रकारों से कहा, ‘इस चयन का अधिकार हमारा है और मुझे लगता है कि इस बात को समझना हरेक के हित में है।’ रूस की यूक्रेन एवं सीरिया में सैन्य संलिप्तता और अमेरिकी चुनावों में हस्तक्षेप के आरोपों के कारण अमेरिका ने 2017 कानून के तहत उन देशों पर प्रतिबंध लगाने का प्रावधान किया है जो रूस से बड़े हथियार खरीदते हैं।

जयशंकर ने अमेरिका के साथ कुल मिलाकर अच्छे संबंधों को सराहा लेकिन ईरान के संबंध में अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के नजरिए को लेकर भारत के मतभेद को रेखांकित किया। अमेरिका ने ईरान पर दबाव बनाने के लिए सभी देशों को उससे तेल खरीदने से रोकने के लिए उन पर प्रतिबंध लगाने की धमकी दी है। ट्रंप प्रशासन ने भारत समेत ईरान से तेल खरीदने वाले देशों को मिली छूट समाप्त कर दी थी।

जयशंकर ने ईरान पर बातचीत को लेकर आगे कोई भी टिप्पणी करने से इनकार करते हुए कहा कि भारत के लिए ‘हमें बार-बार भरोसा दिलाया गया है कि ऊर्जा के प्रति किफायती पहुंच में कोई बदलाव नहीं होगा।’ भारत ईरान के चाबहार बंदरगाह का विस्तार करने की कोशिश कर रहा है ताकि पाकिस्तान से न जाकर, अफगानिस्तान की ओर से आपूर्ति सुनिश्चित की जा सके।

भारत ने पिछले साल रूस के साथ एस-400 मिसाइल डिफेंस सिस्टम की खरीद का करार किया है। अमेरिका ने इसपर नाराजगी जाहिर करते हुए भारत पर प्रतिबंध लगाने की धमकी दी है। भारत को रूस से एस-400 मिसाइल रक्षा प्रणाली की पहली खेप साल 2021 के मध्य तक प्राप्त हो जाएगी। भारत ने दीर्घकालिक सुरक्षा जरूरतों के लिए पांच अक्तूबर 2018 को नई दिल्ली में 19वें भारत-रूस वार्षिक द्विपक्षीय सम्मेलन के दौरान पांच एस-400 प्रणालियों की खरीद के लिए रूस के साथ 5.43 बिलियन डॉलर के समझौते पर हस्ताक्षर किए थे।

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