आज यानी 1 अक्टूबर से देशभर में कुछ नियम बदल रहे हैं और नए निमय अमल में आ जाएंगे। इनके बदलने से देश की अर्थव्यवस्था के साथ साथ आपकी जेब पर भी सीधा असर होगा। खासकर ड्राइविंग लाइसेंस, एसबीआई एटीएम ट्रांजेक्शन, जीएसटी और क्रेडिट कार्ड के जरिए पेट्रोल-डीजल की खरीदी को कुछ बदलाव किए गए हैं। कुछ क्षेत्रों में जहां राहत मिलेगी तो वहीं, कुछ में आम आदमी की जेब पर बोझ बढ़ जाएगा। इसलिए अगर आप इन नए नियमों के बारे में नहीं जानते हैं तो इसे जानना जरूरी है।
आज से ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने का नियम बदला, पुराना भी कराना होगा अपडेट
ड्राइविंग लाइसेंस
1 अक्टूबर 2019 से ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने का नियम बदल जाएगा। नए नियम के तहत आपको अपना ड्राइविंग लाइसेंस अपडेट कराना होगा। हालांकि इसके लिए पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन होगी। साथ में रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट के साथ ड्राइविंग लाइसेंस कानूनी रूप से जरूरी हो जाएगी। इस नए नियम के लागू होने के बाद ड्राइविंग लाइसेंस और रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट का रंग भी बदल जाएगा। दरअसल वर्तमान में पूरे देश में ड्राइविंग लाइसेंस और आरसी का रंग अलग-अलग होता था लेकिन अब जो नया नियम लागू होगा उसके बाद दोनों के रंग एक समान हो जाएंगे। नए नियम के लागू होने क बाद ड्राइविंग लाइसेंस और आरसी में माइक्रोचिप के अलावा क्यूआर कोड दिए जाएंगे।
ट्रांजेक्शन के लिए SBI लागू करेगा नया नियम
देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसीबीआई) भी एक अक्टूबर से नया नियम लागू करने जा रहा है। जिसका असर देशभर के लगभग 32 करोड़ ग्राहकों पर पड़ेगा। नए नियम के तहत बैंक की तरफ से निर्धारित मंथली एवरेज बैलेंस को मेंटेन नहीं करने पर जुर्माने में 80 प्रतिशत तक की कमी आ जाएंगी। यदि आप मेट्रो सिटी के खाताधारक हैं तो आपके खाते में 1 अक्टूबर से मेट्रो सिटी की ब्रांच और शहरी इलाके की ब्रांच दोनों में ही मंथली एवरेज बैलेंस (एएमबी) घटकर तीन हजार रुपये हो जायेगा। अगर मेट्रोसिटी खाताधारक 3000 रुपए का बैलेंस मेंटेन नहीं कर पाता और उसका बैलेंस 75 प्रतिशत से कम है तो उसके जुर्माने के तौर पर 80 रुपए प्लस जीएसटी चार्ज देना होगा। इसी तरह से 50 से 75 प्रतिशत कम बैलेंस रखने वालों को 12 रुपए और जीएसटी देना होगा। 50 प्रतिशत से कम बैलेंस होने पर 10 रुपए प्लस जीएसटी देना होगा। इसके अलावा मेट्रो सिटी ग्राहकों को एक अक्टूबर से एसबीआई 10 फ्री ट्रांजेक्शन देगा जबकि अन्य शहरों के लिए 12 फ्री ट्रांजेक्शन दिए जाएंगे।
पेट्रोल-डीजल
एसबीआई क्रेडिट कार्ड से पेट्रोल-डीजल खरीदने पर अब आपको 0.75 फीसदी कैशबैक नहीं मिलेगा। नियम लागू होने से पहले ही एसबीआई अपने ग्राहकों को मैसेज भेजकर सूचना दे रहा है कि वो अपनी इस सूविधा को बंद करने जा रहा है। बता दें कि अभी तक एसबीआई के क्रेडिट कार्ड के जरिए पेट्रोल-डीजल खरीदने पर ग्राहकों को 0.75 प्रतिशत कैशबैक मिलता था। लेकिन अब एचपीसीएल, बीपीसीएल और आईओसी ने कैशबैक स्कीम को वापस लेने का निर्देश दिया है।
कुछ चीजों पर लागू होंगी जीएसटी की नई दरें
एक अक्टूबर से कई चीजों पर जीएसटी की दरें भी सस्ती हो जाएंगी। अब 1000 रुपए तक किराए वाले पर टैक्स नहीं देना होगा। इसके बाद 7500 रुपए तक टैरिफ वाले रूम के लिए किराए पर अब सिर्फ 12 प्रतिशत जीएसटी देना होगा। इसके अलावा जीसीएसटी काउंसिल ने 10 से 13 सीटों तक पेट्रोल-डीजल वाहनों पर सेस को घटा दिया है।
इन चीजों पर बढ़ जाएंगी जीएसटी की दरें
रेल गाड़ी के सवारी डिब्बे और वैगन पर जीएसटी की दर को 5 फीसदी से बढ़ाकर 12 प्रतिशत कर दिया गया है। वर्तमान में इस पर 18 प्रतिशत जीएसटी है जिसे अब बढ़ाकर 28 फीसदी कर दिया गया है। इसमें टैक्स के अलावा 12 फीसदी का अतिरिक्त सेस भी लगाया गया है।
पेंशन नीति
1 अक्टूबर से सरकार ने कर्मचारियों के पेंशन पॉलिसी में भी बदलाव करने जा रही है। नए नियम के तहत अगर किसी कर्मचारी की सर्विस को 7 साल पूरे हो गए हैं और उसकी मृत्यू हो जाती है तो उसके परिजनों को बढ़े हुए पेंशन का फायदा मिलेगा।
कॉरपोरेट टैक्स में कटौती
वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने भारती कंपनियों के लिए कॉरपोरेट टैक्स में बड़ी कटौती की घोषणा की हैं। जिसके बाद कॉरपोरेट टैक्स को सरकार ने 30 फीसदी से घटाकर 22 फीसदी कर दिया है। 1 अक्टूबर के बाद सेटअप किए मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों के पास 15 फीसदी टैक्स भरने का विकल्प होगा।
होम और ऑटो लोन सस्ते हुए
एसबीआई, यूनियन बैंक, सेंट्रल बैंक, पंजाब नेशनल बैंक, इंडियन बैंक और फेडरल बैंक ने खुदरा कर्ज की ब्याज दरें रेपो रेट से जोड़ीं। इससे आरबीआई की ओर से रेपो रेट में की गई कटौती का लाभ ग्राहकों को मिल सकेगा। उन्हें सस्ती दरों पर होम और ऑटो लोन हासिल होंगे।
जीएसटी रिटर्न का नया फॉर्म लागू
पांच करोड़ से ज्यादा सालाना टर्नओवर वाले कारोबारियों को अब जीएसटीआर-1 की जगह जीएटी एएनएक्स-1 फॉर्म भरना होगा। छोटे कारोबारियों के लिए यह फॉर्म जनवरी 2020 से अनिवार्य किया जाएगा। कॉरपोरेट टैक्स में घोषित कटौती भी एक अक्तूबर से लागू हो जाएगी।
एक हजार तक के कमरे पर जीएसटी खत्म
होटलों में एक हजार रुपये तक के किराये वाले कमरों पर जीएसटी नहीं लगेगा। जिन कमरों का किराया 7500 रुपये तक है, उन पर 12 फीसदी जीएसटी देना होगा।