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उत्तर प्रदेश में उद्योगीकरण का माहौल

 डॉ. दिलीप अग्निहोत्री

कुछ वर्ष पहले तक उत्तर प्रदेश को उद्योग की द्रष्टि से बीमारू माना जाता था. क्योंकि यहां उद्योगीकरण का कोई माहौल नहीं था. उद्योग स्थापना हेतु मूलभूत सुविधाओं पर पिछली सरकारों का कोई ध्यान नहीं था. बिजली सहित ढांचागत सुविधाओं की किल्लत हुआ करती थी. इसके अलावा कानून व्यवस्था की स्थिति भी लचर थी. निवेशकों को सरकारी मशीनरी का भी अनुकूल सहयोग नहीं मिलता था.

क्योंकि पूर्ववर्ती सरकारों में इच्छाशक्ति का ही अभाव था. इसलिए उत्तर प्रदेश के प्रति निवेशकों में कोई उत्साह नहीं था. इतना ही नहीं यहां स्थापित उद्योग भी दूसरे प्रदेशों का रुख कर रहे थे.स्थानीय उद्योग बंद हो रहे थे. योगी आदित्यनाथ ने मुख्यमंत्री बनते ही इन कमियों को दूर करने का संकल्प लिया. एक जनपद एक उत्पाद योजना से स्थानीय उद्योगों को नया जीवन और विस्तार मिला. बिजली की पर्याप्त अपूर्ति सुनिश्चित की गई. कानून व्यवस्था को सुदृढ़ किया गया. ईज ऑफ डुईग बिजनेस में अप्रत्याशित सुधार हुआ. व्यवस्था में सकारत्मक बदलाव के चलते यूपी बिजनेस हब बनकर उभरा है। योगी आदित्यनाथ की बिजनेस फ्रेंडली नीतियों के परिणाम स्वरूप अब उद्यम प्रदेश बन रहा है।

विगत पांच वर्षों में उत्तर प्रदेश के प्रति उद्योग जगत की मान्यता बदली है.इसके पहले यहां निवेश में उनका कोई उत्साह नहीँ रहता था .निवेश के लिए आवश्यक सभी तत्वों का यहां अभाव था .इसमें पहला तत्व कानून व्यवस्था का होता है .योगी आदित्यनाथ ने मुख्यमंत्री बनने के बाद सबसे पहले इस ओर ही ध्यान दिया था. कहना था कि बेहतर व्यवस्था में ही विकास कार्यों का क्रियान्वयन सम्भव होता है .जिस प्रदेश में कानून व्यवस्था ठीक नहीँ होती ,उधर उद्योगपति निवेश का जोखिम नहीँ उठाना चाहते .पहले उत्तर प्रदेश की यही दशा थी .इसके बाद व्यापार सुगमता की आवश्यकता होती है. योगी आदित्यनाथ के प्रयासों से उत्तर प्रदेश में इसका रिकार्ड भी शानदार हो गया.उत्तर प्रदेश बीमारू राज्य की छवि से निकल कर विकसित हो रहा है. यहां केवल निवेश प्रस्ताव नहीं आ रहे है ,बल्कि हजारों करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव जमीन पर भी उतर रहे है. योगी आदित्यनाथ ने अपनी दूसरी पारी के सौ दिनों के भीतर नया अध्याय लिखा. उनके नेतृत्व में उत्तर प्रदेश तीसरी बार देश के अग्रणी उद्योगपतियों और निवेशकों के स्वागत के लिए पूरी तरह से तैयार हुआ।

प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी ने ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी का शुभारंभ किया था. उन्होंने अस्सी हजार करोड़ रुपए से अधिक निवेश की चौदह सौ से अधिक परियोजनाओं का शिलान्यास किया था. य़ह उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था को वन ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी के लक्ष्य तक पहुँचने का मार्ग प्रशस्त करेगा. विगत पांच वर्षों के दौरान उत्तर प्रदेश में ढांचागत व अन्य निर्माण के रिकार्ड कायम हुए हैं। इसमें एक्सप्रेस वे और कनेक्टिविटी भी शामिल है। औद्योगिक विकास के लिए इन सुविधाओं का विस्तार अपरिहार्य होता है। इसके साथ ही बिजली की उपलब्धता, कानून व्यवस्था की सुदृढ़ स्थिति,सिंगल विंडो की पारदर्शी व्यवस्था,भूमि बैंक की स्थापना आदि भी आवश्यक होते हैं। योगी आदित्यनाथ ने एक्सप्रेस वे को औद्योगिक विकास और प्रगति से जोड़ दिया है। उन्होंने एक्सप्रेस वे निर्माण मात्र को ही पर्याप्त नहीं माना।

इनकी वास्तविक उपयोगिता औद्योगिक विकास से ही हो सकती है। वर्तमान सरकार इसी मान्यता के आधार पर एक्सप्रेस वे का निर्माण करा रही है। योगी सरकार ने पूर्ववर्ती व्यवस्था में रिफॉर्म करके,परफॉर्म करते हुए ट्रांसफॉर्म किया है। उत्तर प्रदेश में निवेश के अनुकूल माहौल कायम हुआ है. इसी के परिणाम स्वरूप देश के सबसे बड़े व तीन सफल इन्वेस्टर्स समिट का आयोजन संभव हुआ। उद्योगपतियों की उत्तर प्रदेश में निवेश के प्रति दिलचस्पी बढ़ी है। यह अनुकूल माहौल के कारण संभव हुआ है। यूपी देश की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाले राज्य के रूप में आगे बढ़ा रहा है। यूपी देश की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है। इसे आगे बढ़ाया जा रहस्य है। पहले उद्योगों के लिए माहौल बनाया, जहां कोई आना नहीं चाहता था अब वहां लोग निवेश कर रहे हैं। आज यहां सकारात्मक माहौल है।

पहला ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी चार और दूसरा ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी तीन वर्ष पूर्व आयोजित की गई थी .पहले ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी के दौरान करीब बासठ सौ करोड रुपये से अधिक मूल्य की अस्सी से अधिक परियोजनाओं की नींव रखी गई थी। जबकि दूसरे ग्राउंड ब्रेकिंग समारोह में करीब सत्तर हजार करोड़ रुपये की निवेश वाली करीब तीन सौ परियोजनाओं का शिलान्यास किया गया। नरेंद्र मोदी ने कहा कि पांच वर्षों में उत्तर प्रदेश ने राज्य में रिकॉर्ड निवेश आकर्षित करने के लिए कई प्रयास किए हैं. ये निवेश विविध क्षेत्रों को कवर करते हैं. राज्य में अच्छा कारोबारी माहौल निवेशकों और स्थानीय युवाओं दोनों के लिए लाभदायक है. ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के लिए राज्य ने दस लाख करोड़ रुपये के निवेश का लक्ष्य रखा है। इस लक्ष्य के लिए औद्योगिक विकास प्रधिकरणों को सभी जरूरी तैयारी करने के निर्देश योगी आदित्यनाथ ने दिए हैं. प्रदेश के औद्योगिक विकास अनुकूल माहौल ने दूसरे देशों को राज्य में निवेश के लिए आकर्षित किया है।

प्रत्यक्ष विदेशी निवेश को आकर्षित करने की राज्य सरकार की नीतियों के अच्छे परिणाम देखने को मिल रहे हैं। केवल यूपीसीडा के माध्यम से ही बीते दो वर्षों में सात देशों से बत्तीस सौ करोड रुपये़ से अधिक का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश प्राप्त हुआ है। इसमें ब्रिटेन और अमेरिका से पच्चीस सौ करोड़ करोड़ रुपये, इटली से ढाई सौ करोड़ रुपये, कनाडा सवा सौ करोड़ रुपये तथा फ्रांस से प्राप्त तीन सौ करोड़ रुपये से अधिक का एफडीआई शामिल है। इनसे नौ से अधिक रोजगार का सृजन भी हुआ है.योगी आदित्यनाथ ने बताया कि यमुना इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी में अपैरल पार्क, एमएसएमई पार्क,टॉय पार्क,लॉजिस्टिक, पार्क, डाटा सेंटर पार्क, मेडिकल डिवाइस पार्क जैसे क्लस्टर आधारित सात इंडस्ट्रियल पार्कों का विकास किया जा रहा है।

टॉय पार्क स्थापित करने वाला यूपी देश का पहला राज्य बन गया है. इसके साथ ही टॉय एसोसिएशन ऑफ इंडिया के प्रतिनिधियों से भी संवाद किया जा रहा. अपैरल पार्क में महिला स्वावलंबन को बढ़ावा देते हुए अस्सी प्रतिशत से अधिक महिलाएं ही सेवायोजित होंगी। यह पार्क रोजगार सृजन की दृष्टि से अत्यन्त उपयोगी होंगे। इनकी कार्यवाही समयबद्ध रूप से पूरी होगी.निवेशकों को भूमि आवंटन की व्यवस्था निर्धारित की गई है. जिससे कार्य प्रांरभ होने में देरी ना हो.यूपीसीडा पहला प्राधिकरण है, जहां ई-ऑक्शन से औद्योगिक भूखंड आवंटित किए जाते हैं। तकनीकी की मदद से हुई व्यवस्था के सरलीकरण का ही परिणाम है कि विगत दो वर्षों में करीब छह सौ औद्योगिक भूखंड आवंटित किए गए हैं।

कोरोना के चुनौतीपूर्ण माहौल के बीच बीते दो वर्षों में ऐसा पहली बार हुआ है कि दिल्ली, हरियाणा, महाराष्ट्र, केरल, तेलंगाना, तमिलनाडु, कर्नाटक और पश्चिम बंगाल से प्रतिष्ठित इकाइयों ने यूपीसीडा के माध्यम से प्रदेश में सैंतीस सौ करोड़ रुपये से अधिक का निवेश किया है। यूपीसीडा के अंतर्गत विगत पांच वर्षों में तीन हजार नई औद्योगिक इकाइयां क्रियाशील हो चुकी हैं. चौबीस सौ से अधिक इकाइयां निर्माणाधीन हैं। योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्राधिकरणों को अपने दैनिक कार्य व्यवहार मे ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के अनुसार काम करना होगा। निवेशक की एमओयू से लेकर इकाई स्थापना तक हर प्रक्रिया को सुगमता आगे बढ़ाने की व्यवस्था आवश्यक है. अधिकारियों को इस दिशा में कार्य करना होगा. इंडस्ट्रियल एरिया में सड़क, स्ट्रीट लाइट, ड्रेनेज की अच्छी व्यवस्था उपलब्ध होनी चाहिए।

आगामी ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट से पहले इंडस्ट्रियल लैंड बैंक को अधिकाधिक विस्तार देना होगा। प्रदेश के विकास की दृष्टि से उपयोगी औद्योगिक इकाइयों के लिए भूमि की कोई कमी नहीं है। अकेले यूपीसीडा के पास ही बारह हजार एकड से अधिक का लैंड बैंक है। नोएडा प्राधिकरण ने औद्योगिक वाणिज्यिक,ग्रुप हाउसिंग के लिए करीब एक हजार एकड़ का लैंड बैंक आवंटन के लिए आरक्षित कर लिया है। इण्डस्ट्रियल एरिया का विकास करते समय उद्यमियों की जरूरतों का पूरा ध्यान रखा जाए। सड़कें,बिजली, पेयजल आदि की अच्छी व्यवस्था होनी चाहिए। इंडस्ट्रियल एरिया का विकास जिस प्राधिकरण द्वारा किया जाए, सुविधाओं का विकास और रखखाव की जिम्मेदारी भी उसी की होगी। इस सम्बंध में औद्योगिक विकास विभाग द्वारा स्पष्ट आदेश जारी किए जाएं।

प्रदेश में निवेश कर रहीं औद्योगिक इकाइयों को प्रोत्साहन देने के उद्देश्य से राज्य सरकार द्वारा इंसेंटिव प्रदान किया जा रहा है।

एमएसएमई विभाग और नियोजन विभाग परस्पर समन्वय से इसकी कार्ययोजना तैयार करने की जिम्मेदारी दी गई है. निर्यात प्रोत्साहन के लिए औद्योगिक इकाइयों से उनकी कार्ययोजना पर संवाद कायम रहेगा. प्रयास यह भी हो कि प्रदेश में इकाइयां स्थापित करने वाली कंपनियां अपने सीएसआर की धनराशि का प्रयोग उत्तर प्रदेश के हित में करें। इसके लिए उद्यमियों,निवेशकों को प्रोत्साहित किया जाएगा भदोही औद्योगिक विकास प्राधिकरण द्वारा स्थानीय शिल्पकला को औद्योगिक स्वरूप देने के लिए अच्छा प्रयास किया गया है। निर्यात प्रोत्साहन की दृष्टि से बीडा की इकाइयों की भूमिका महत्वपूर्ण है। आगामी अक्टूबर में यहां इंटरनेशनल कालीन एक्सपो आयोजित होने जा रहा है।

प्राधिकरण प्रयास करे कि वाराणसी की कालीन इकाइयां भी भदोही की ओर आकर्षित हों। बीडा को अपना लैंड बैंक बढ़ाने के लिए ठोस प्रयास करना होगा। नोएडा में पांच वर्ष पहले करीब साठ हेक्टेयर भूमि औद्योगिक इकाइयों को आवंटित की गई.जबकि विगत पांच वर्ष में करीब दो सौ हेक्टेयर भूमि आवंटित की गई।

कन्नौज में प्रस्तावित इत्र पार्क,मेगा फ़ूड पार्क जैसे प्रोजेक्ट स्थापित किए जा रहे है. योगी आदित्यनाथ ने फ़िल्म सिटी के विकास की कार्यवाही में तेजी के निर्देश दिए. इसके लिए वैश्विक स्तर पर प्रतिष्ठित स्टूडियो,प्रोडक्शन हाउसेज तथा विशेषज्ञों से परामर्श किया जाएगा।

यूपीसीडा में पांच वर्ष की तुलना में व आवासित भूखण्डों की संख्या में दो सौ बयालीस प्रतिशत, पूंजी निवेश में पौने चार सौ प्रतिशत तथा रोजगार सृजन में साढ़े चार सौ प्रतिशत से अधिक की बढ़ोत्तरी हुई है। चालू वित्तीय वर्ष में अब तक सवा सौ से अधिक आवासित भूखंड हो चुके हैं.छह हजार करोड़ रुपये से अधिक का पूंजी निवेश हुआ है। तीन वर्षों की तुलना में निवेश प्रवाह में ढाई गुना वृद्धि हुई है. रोजगार सृजन दोगुने से ज्यादा हुआ है। योगी आदित्यनाथ उत्तर प्रदेश को विकसित बनाने की दिशा में व्यापक प्रयास कर रहे हैं. इसके अंतर्गत ही प्रदेश के उद्योगीकरण का अभियान संचालित किया जा रहा है।

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