• “एक स्टेशन एक उत्पाद” (ओएसओपी) योजना के तहत दो हथकरघा बुनकरों को लखनऊ और सीतापुर स्टेशनों पर अपने उत्पाद बेचने की अनुमति मिली
लखनऊ। पूर्वोत्तर रेलवे लखनऊ मंडल के मण्डल रेल प्रबंधक आदित्य कुमार के मार्गदर्शन में “हथकरघा के महत्व के बारे में जागरूकता पैदा करने और सम्मान देने के उद्देश्य” हेतु 9वां राष्ट्रीय हथकरघा दिवस” मनाया गया।
प्रधानमंत्री के आह्वान पर भारतीय रेलवे की “एक स्टेशन एक उत्पाद” (ओएसओपी) योजना और “वोकल फॉर लोकल” के तहत लखनऊ मंडल ने दो हथकरघा बुनकरों को ओ.एस.ओ.पी. स्टॉल के माध्यम से अपने हथकरघा उत्पाद बेचने की अनुमति प्रदान की गयी।
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देश के हथकरघा बुनकर देश के सामाजिक-आर्थिक विकास के लिए भारत के हथकरघा उद्योगों पर प्रभाव डालते हैं। एक ओएसओपी स्टॉल लखनऊ जंक्शन (चिकन के कपड़े, जरी जरदोजी) और एक ओएसओपी स्टॉल सीतापुर जंक्शन में (कालीन, डोर मैट, किलिम ऊनी सूती धुरी आदि) लगी है।
इस वर्ष की थीम “टिकाऊ फैशन के लिए हथकरघा” के साथ मण्डल की इस पहल ने एक महत्वपूर्ण अवसर प्रस्तुत किया है, जिससे बुनकरों के प्रति सराहना और समर्थन प्राप्त हुआ है तथा हथकरघा उत्पादों की बिक्री में वृद्धि सुनिश्चित हुई है। लखनऊ जं स्टेशन पर ओएसओपी स्टॉल पर प्रति दिन औसत बिक्री 1100 रुपये से बढ़कर 3650 रुपये तथा सीतापुर में प्रतिदिन औसत बिक्री 600 रुपये से बढ़कर 1700 रुपये हुई है।
रिपोर्ट-दया शंकर चौधरी