फ्रांस France में दो हफ्ते से जारी महंगाई विरोधी प्रदर्शनों को देखते हुए राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने आपात बैठक बुलाई है। बैठक में हिंसक प्रदर्शनों पर काबू पाने के तरीकों पर विचार किया जाएगा। साथ ही देश में आपातस्थिति घोषित करने पर विचार होगा।
फ्रांस की राजधानी पेरिस में
France की राजधानी पेरिस में प्रदर्शनकारियों और सुरक्षा बलों के बीच हुई ताजी झड़प में 133 लोग घायल हुए हैं, इनमें 23 सुरक्षा बलों के जवान हैं। विश्लेषक गृह युद्ध जैसे हालात बता रहे हैं। फ्रांस में इस तरह की हिंसा कई दशक बाद हुई है। बिगड़ते हालात के बीच रविवार को ब्यूनस आयरस से पेरिस लौटे मैक्रों ने प्रधानमंत्री समेत कानून व्यवस्था के लिए जिम्मेदार सभी पदाधिकारियों को तलब किया।
मैक्रों जी-20 देशों के शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए अर्जेंटीना गए थे। शनिवार को पेरिस में हुए हिंसक प्रदर्शनों के बाद पुलिस ने 412 लोगों को गिरफ्तार किया है। इन प्रदर्शनों में यलो वेस्ट पहने नकाबधारी लोगों ने कई महत्वपूर्ण इमारतों में आग लगा दी।
ब्यूनस आयरस से रवाना होने से पहले मैक्रों ने मीडिया से बातचीत में कहा, वह हिंसा को बर्दाश्त नहीं करेंगे। कानून व्यवस्था में लगे लोगों या कारोबारियों पर हमलों को नहीं सहन किया जाएगा। हिंसा फैलाने वालों से सख्ती से निपटा जाएगा। राष्ट्रपति ने बढ़ाए गए टैक्स वापस लेने से इन्कार कर दिया है। देश की अर्थव्यवस्था के लिए उन्हें जरूरी बताया है।
रविवार सुबह राजधानी पेरिस के प्रमुख इलाके नारबोर्न में आगजनी की कई घटनाएं हुईं। इसके अलावा पूर्वी फ्रांस का मुख्य मार्ग भी जाम कर दिया गया। गृह मंत्रालय के अनुसार आगजनी की कुल 190 घटनाएं हुई हैं। छह इमारतों को जलाकर खाक कर दिया गया है। दो हफ्ते से जारी हिंसा का यह सिलसिला सरकार द्वारा पेट्रोल और डीजल पर टैक्स बढ़ाए जाने के बाद शुरू हुआ है। हिंसक विरोध प्रदर्शन यलो वेस्ट नाम के संगठन के बैनर तले हो रहा है। प्रदर्शनों की सफलता को वह अपनी जीत के तौर पर प्रदर्शित कर रहा है।