इश्क उसका लिखते हैं
प्यार तुझको खुद से ज्यादा करते हैं हमतेरी हर एक अदा पे तो मरते हैं हमवो तेरा मुस्कुराना,वो शर्म-ओ-हयाइन निगाहों से तुम्हें देखते हैं हमअभी पास आके बस गुजरे हैं वोछुअन उनकी महसूस करते हैं हमइश्क में मेरे साथ मसरूफ वो हो ही गयाउसके जैसा कोई है नही ये कहते हैं हमचलो आज हम संग-संग जी लेंतुझे पाके ही तो संवरते हैं हममेरा हकदार,मेरा एक हिस्सा है वोइश्क उसका आज लिखते हैं हमप्यार तुझको खुद से ज्यादा करते हैं हमतेरी हर एक अदा पे तो मरते हैं हमलव विवेक मौर्या उर्फ़ “हेमू”
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