सभी जानते हैं कि सिगरेट पीना बुरा है, लेकिन लत छोड़ नहीं पाते हैं. ग्लोबल एडल्ट टोबैको सर्वे (2016-17) के अनुसार, हिंदुस्तान में सिगरेट पीने वालों की संख्या 10 करोड़ से ज्यादा है. कुल आबादी के 4 प्रतिशत वयस्क सिगरेट पीते हैं. इनमें 0.6 प्रतिशत महिलाएं हैं. देश में हर वर्ष 10 लाख लोग सिगरेट से होने वाले विभिन्न रोगों को कारण अपनी जान गंवाते हैं.
धूम्रपान की लत छोड़ने के कई ढंग हैं, लेकिन घरेलू उपायों को अपनाया जाना बेहतर है. सबसे बड़ा लाभ है कि इनका कोई साइड इफेक्ट नहीं हैसे जुड़े डाक्टर लक्ष्मीदत्ता शुक्ला बताते हैं कि स्मोकिंग छोड़ना असंभव नहीं. आवश्यकता होती है ठीक दिशा में कदम बढ़ाने की. कोई भी लत छोड़ने की आरंभ में मन को पक्का करें. धूम्रपान छोड़ने की तारीख तय कर दें व फिर पीछे मुड़कर न देखें.
स्मोकिंग छोड़ने के घरेलू उपाय
सिगरेट या कोई भी लत छोड़ना है तो उस माहौल से बचें जहां मन फिर से उसी दिशा में जाने को ललचाए. स्मोकिंग के मुद्दे में दोस्तों की संगत सबसे अहम है. दोस्त लत छुड़वा सकते हैं तो सारे किए कराए प्रयासों पर पानी भी फेर सकते हैं. सिगरेट छोड़ने का सबसे अच्छा घरेलू तरीका है सौंफ. जब भी सिगरेट पीने का मन करे, थोड़ी सौंफ फांक लें. इसी तरह अदरक व आंवले का प्रयोग किया जा सकता है. अदरक व आंवले को पीस कर सुखा लें व एक डिब्बे में भर लें. स्वाद बढ़ाने के लिए नींबू व नमक का प्रयोग कर सकते हैं. जब भी सिगरेट पीने का मन हो, यह मिलावट फांक लें. इसके अतिरिक्त संतरा व अंगूर जैसे फलों का सेवन करें. सिगरेट की तलब को कंट्रोल करने में मदद करेंगे.
मुलेठी एक जड़ी-बूटी है जो सिगरेट की लत छुड़ा सकती है. इसका हल्का मीठा स्वाद धूम्रपान की ख़्वाहिश समाप्त करने में मदद करता है. इससे खांसी में राहत मिलती है. यह टॉनिक का कार्य करता है. इससे थकान नहीं होती जो कि आमतौर पर सिगरेट पीने वालों का एक बहाना होता है.
बहुत कम लोगों को पता है कि लाल मिर्च भी धूम्रपान छोड़ने में मदद करती है. एक गिलास पानी में छोटी सी चुटकी लाल मिर्च मिलाएं व रोज सेवन करें. ठंड में आजमाया जाने वाला तरीका है मूली. मूली के छोटे-छोटे टुकड़े कर लें व इसका रस निकाल लें. इस रस में शहद मिलाएं व दिन में दो बार सेवन करें. अश्वगंधा भी धूम्रपान की ख़्वाहिश को दबाता है. यह एक टॉनिक के रूप में कार्य करता है.
धूम्रपान छोड़ने में विशेष प्रकार की योगासनों को लाभकारी बताया गया है. इनमें प्रमुख हैं – भुजंगासन, सेतुबंधासन, सर्वांगासन, बालासन. साथ ही कपालभाति नाड़ी शोधन व अनुलोम विलोम प्राणायाम व शरीर के विषैले तत्व निकलते हैं.