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आज ही के दिन हुआ था चौरी-चौरा, विद्यांत कॉलेज के सेमिनार में हुई चर्चा

लखनऊ। चौरीचौरा घटना के शताब्दी वर्ष के समापन समारोह पर विद्यांत हिंदू पीजी कॉलेज ने ऑनलाइन सेमिनार का आयोजन किया। कार्यक्रम का शुभारंभ प्राचार्य प्रोफेसर धर्म कौर ने किया। उन्होंने कहा कि नई पीढ़ी को स्वतन्त्रता संग्राम सेनानियों की देशभक्ति से प्रेरणा लेनी चाहिए। उन्होंने कहा कि चौरी चौरा स्वतंत्रता संग्राम में मील के पत्थर में से एक था। इसमें कई लोगों ने अपने जीवन का बलिदान दिया। हमें उनके बलिदानों को याद रखना चाहिए। कार्यक्रम में मुख्य वक्ता, इतिहास विभाग के डॉ बी बी यादव थे।

4 फरवरी 1922 को ब्रिटिश भारत में गोरखपुर जिले हुयी थी-डॉ. बी बी यादव

डॉ बी बी यादव ने कहा कि चौरी चौरा की घटना 4 फरवरी 1922 को ब्रिटिश भारत में संयुक्त प्रांत (उत्तर प्रदेश) के गोरखपुर जिले के चौरी चौरा में हुई थी। असहयोग आंदोलन में भाग लेने वाले प्रदर्शनकारियों के एक बड़े समूह पर पुलिस ने गोली चलाई थी। इसलिए प्रदर्शनकारियों ने एक पुलिस स्टेशन पर हमला किया और आग लगा दी। इस घटना में तीन नागरिकों और 22 पुलिसकर्मियों की मौत हो गई।

महात्मा गांधी 12 फरवरी 1922 को रोक दिया था असहयोग आंदोलन- डॉ. यादव

डा. यादव ने बताया कि  महात्मा गांधी, जो हिंसा के सख्त खिलाफ थे, उन्होंने इस घटना के परिणाम के रूप में 12 फरवरी 1922 को राष्ट्रीय स्तर पर असहयोग आंदोलन को रोक दिया। इस घटना ने अंग्रेजों को झकझोर दिया था। गिरफ्तार किए गए 19 प्रदर्शनकारियों को ब्रिटिश औपनिवेशिक अधिकारियों ने मौत की सजा और 14 को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी।

कार्यक्रम में बड़ी संख्या में छात्रों के अलावा डॉ अमित वर्धन,डॉ ध्रुव त्रिपाठी,डॉ आलोक भरद्वाज,डॉ नरेंद्र सिंह, आदि शिक्षक मौजूद थे। शहादत हुसैन ने धन्यवाद ज्ञापित किया।

Report – Anshul Gaurav 

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