तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जयललिता के निधन का मामला उनकी मौत के बाद भी लगातार चर्चा में बना हुआ है। विगत 5 दिसंबर 2016 को अपोलो अस्पताल में अंतिम सांस लेने वाली जयललिता की मौत को लेकर लगातार अलग-अलग कयास लगाए जा रहे हैं। हालांकि इस मामले में विवाद के बाद सीबीआई जांच चल रही है। ऐसे में अपोलो हॉस्पिटल की एक डॉक्टर के दावे ने सबको सकते में डाल दिया है।
क्या है मामला:
5 दिसंबर, 2016 को चेन्नई के अपोलो हॉस्पिटल में अंतिम सांस लेने वाली तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जयललिता को दिल का दौरा पड़ाने से मौत होने का दावा अस्पताल प्रशासन ने किया था। हालांकि अभी तक उनकी मौत के मामले को रहस्यमयी माना जा रहा है। वहीं उनकी की मौत को लेकर समर्थक और विरोधी पार्टियों के नेता अलग-अलग दावे कर रहे हैं।
डॉक्टर रामा सीता का दावा:
अपोलो हॉस्पिटल की न्यूट्रनिस्ट बताने वाले डॉक्टर रामा सीता ने एक चौकाने वाला बयान दिया है। डॉक्टर रामा सीता ने दावा किया कि जयललिता पिछले साल सितंबर में बुखार से पीड़ित थी। इस दौरान जब वह 22 सितंबर को अपोलो हॉस्पिटल में भर्ती कराई गईं। जब उन्हें आईसीयू में शिफ्ट किया गया, उसके पहले ही उनकी मौत हो चुकी थी। डॉक्टर रामा सीता के बयान के बाद इस मामले में फिर एक नया मोड़ आ गया है। हालांकि अपोलो हॉस्पिटल का कहना है कि वह झूठ बोल रही हैं। वह सिर्फ चर्चा में आने के लिए ऐसा कर रही हैं। अपोलो प्रशासन की तरफ से डॉक्टर रामा सीता के खिलाफ रिपोर्ट भी दर्ज कराई है। जिसके बाद पुलिस ने उन्हें अरेस्ट कर लिया है।
सच या अफवाह:
पुलिस के मुताबिक महिला डॉक्टर ने कभी भी अपोलो हॉस्पिटल में काम नहीं किया, उनके बयान कितनी सच्चाई है यह तो जांच के बाद ही पता चलेगी। महिला डॉक्टर से लगातार पुलिस पूछतांछ करने में जुटी हुयी है। कहा यह भी जा रहा है कि उक्त डॉक्टर जयललिता की भतीजी दीपा जयाकुमार की जानने वाली है। दीपा जयाकुमार एक नई पार्टी बनाने की तैयारी में हैं, इसी के चलते उनकी मौत को लेकर ऐसी अफवाहें फैलायी जा रही हैं।