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अध्यात्मिक उन्नति और शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए योग को दैनिक दिनचर्या में करें शामिल

मुंगेर। अध्यात्मिक उन्नति और शारीरिक- एवं मानसिक स्वास्थ्य के साथ अध्यात्मिक उन्नति के लिए योग को दैनिक दिनचर्या में करें शामिल । उक्त बातें मुंगेर के सिविल सर्जन डॉ. हरेन्द्र आलोक ने सातवें योग दिवस के अवसर पर एएनएम स्कूल के सभागार में आयोजित योग शिविर का उद्घाटन करते हुए कही। उद्घाटन समारोह का उदघाटन सिविल सर्जन हरेन्द्र आलोक के अलावा जिला स्वास्थ्यय समिति के जिला कार्यक्रम प्रबंधक नसीम रजि और योग प्रशिक्षक शैलेश जी ने संयुक्त रूप से की।

सिविल सर्जन हरेन्द्र आलोक ने बताया कि इस बार के अंतराष्ट्रीय योग दिवस का थीम ‘घर पर रहकर ही करें योग’ है। देश में कोरोना वायरस के संक्रमण को देखते हुए इस वर्ष लोगों से योग को लेकर किसी तरह का आयोजन नहीं करते हुए घर पर रहकर ही योग करने की अपील की गई है। उन्होंने बताया कि 21 जून को अंतराष्ट्रीय योग दिवस मनाने की शुरुआत केंद्र में नरेंद्र मोदी की सरकार बनाने के बाद 21 जून 2015 से हुई थी। इस प्रकार से इस वर्ष सातवां अंतराष्ट्रीय योग दिवस मनाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि पहली बार सन 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सयुंक्त राष्ट्र संघ में 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाने का प्रस्ताव रखा था।

उन्होंने बताया कि कोरोना संक्रमण के इस वर्तमान दौर में योग कि भूमिका काफी बढ़ गई है। योग शरीर को स्वस्थ्य रखने के साथ ही योग आध्यात्मिक उन्नति और व्यक्ति को तनाव मुक्त रहने में भी मदद करता है। योग सिर्फ शारीरिक अभ्यास तक ही समिति नहीं है बल्कि योग से शरीर को माध्यम बनाकर बहुत सारी अध्यात्मिक शक्तियां प्राप्त की जा सकती है। अध्यात्मिक उन्नति भी की जा सकती है.

स्वास्थ्य मंत्री ने भी की है अपील: बिहार के स्वास्थ्यय मंत्री मंगल पांडेय ने भी अपने संदेश में बिहार वासियों से अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के इस वर्ष कि थीम के अनुसार ही इस कोरोना काल में अपने- अपने घर पर रहकर ही योग करने की अपील की है। उन्होंने बिहार वासियों से अपने शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए योग को अपने ब्यस्त दिनचर्या में शामिल करने की अपील की है।

योग को अपनाने के बाद बचा जा सकता है बहुत सी शारीरिक और मानसिक बीमारियों से : योग शिविर में शामिल होकर योगाभ्यास करते हुए जिला स्वास्थ्य समिति के जिला कार्यक्रम प्रबंधक नसीम रजि ने बताया कि नियमित योगाभ्यास करने के बाद शरीर के रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत किया जा सकता है और मजबूत रोग प्रतिरोधक क्षमता के बाद किसी भी प्रकार कि बीमारी को परास्त किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि योग के साथ- साथ प्रणायाम जैसे अनुलोम-विलोम, कपाल भाति और भ्रामरी के जरिये फेफड़ों को मजबूत बनाते हुए सांस संबंधी बीमारियों से बचा जा सकता है। उन्होंने बताया कि अनुलोम- विलोम प्राणायाम से खून साफ होता है और खून में ऑक्सिजन का स्तर बढ़ जाता है। इसी तरह कपाल भाति से फेफड़े ठीक से काम करते हैं और सांस संबंधी बीमारियों को दूर करने में मदद मिलती है। इसके अलावा भ्रामरी से तनाव , गुस्सा और अवसाद दूर होता है।

योग शिविर में योगाचार्य शैलेश ने विभिन्न प्रकार के योगाभ्यास कर मौजूद सभी लोगों को शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ्य रहने के टिप्स बताए। योग शिविर में अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. अजय कुमार भारती, एएनएम स्कूल मुंगेर की प्राचार्य रागिणी , जिला स्वास्थ्य समिति में कार्यरत जिला कार्यक्रम समन्यवक विकास कुमार सहित एएनएम स्कूल की छात्राओं के साथ ही कई अन्य गणमान्य लोगों ने योगाभ्यास किया।

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