नई दिल्ली। कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने सामान्य वर्ग के लोगों को आरक्षण देने संबंधी संविधान संशोधन विधेयक को लेकर सरकार पर ‘‘हड़बड़ी’’ दिखाने का आरोप लगाते हुए सवाल किया कि जब सरकारी क्षेत्र में नौकरियां ही नहीं सृजित हो रही हैं तो ऐसे में इस आरक्षण का लाभ किसे मिलेगा? उन्होंने कहा कि इसे प्रवर समिति में भेजा जाना चाहिए था।
विधेयक लाने की इतनी जल्दी क्यों?
कपिल सिब्बल ने राज्यसभा में संविधान (124वां संशोधन) विधेयक पर चर्चा में हिस्सा लेते हुए कहा कि जिस तरह से यह विधेयक लाया गया और पारित किया जा रहा है,उससे वह दुखी हैं। उन्होंने सवाल किया कि सरकार को इसे लेन की क्या जल्दी है? उन्होंने इस विधेयक को प्रवर समिति में भेजने का सुझाव दिया।
आठ लाख रूपये की सीमा कैसे तय
कांग्रेस नेता ने कहा कि सरकार ने यह विधेयक लाने से पहले कोई सर्वेक्षण नहीं करवाया है। सरकार एक दिन में बिना किसी आंकड़े या रिपोर्ट के आधार पर इस विधेयक को पारित करवाना चाहती है। उन्होंने सरकार से सवाल किया कि उन्होंने आठ लाख रूपये की सीमा कैसे तय की? उन्होंने सरकार से पूछा कि क्या सरकार ने इस बारे में कोई आंकड़ा एकत्र किया है कि कितने लोगों के पास पांच एकड़ जमीन या एक हजार वर्ग फुट में मकान है?
वार्षिक आधार पर महज 45 हजार रोजगार सृजित
सिब्बल ने कहा कि नरेन्द्र मोदी सरकार के शासनकाल में वार्षिक आधार पर महज 45 हजार रोजगार सृजित किए गये हैं। उन्होंने कहा कि नौकरी केवल आर्थिक विकास से ही सृजित होंगी। उन्होंने कहा कि निजी क्षेत्र में रोजगार सृजन की दर घट रही है। सिब्बल ने कहा कि आप इस संविधान संशोधन के जरिये किसे बेवकूफ बना रहे हैं!!