समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि हाथरस की मृत बेटी सहित दुष्कर्म की शिकार सभी बेटियों-बहनों को न्याय दिलाने के लिए समाजवादी पार्टी ‘न्याय युद्ध’ छेड़ने के लिए प्रतिबद्ध है। देश के हम सभी परिवार वालों को अपनी बहन-बेटियों की रक्षा के लिए एक साथ आना होगा। तभी सत्ता की अहंकारी नींद टूटेगी। बलात्कार के हर मामले में चाहे वह हाथरस हो, बलरामपुर हो या अन्यत्र सरकार को धर्म, जाति, वर्ग वोट व प्रभाव की पक्षपाती राजनीति छोड़ महिला सुरक्षा का संकल्प लेना होगा।
हाथरस दुष्कर्म काण्ड का सच उजागर हो उसके लिए जहां इसकी जांच सर्वोच्च न्यायालय के वर्तमान माननीय जज से हो, वहीं इससे सम्बन्धित अधिकारियों का नार्को टेस्ट भी होना चाहिए। साथ ही जांच की निष्पक्षता के लिए प्रभावित करने वाले डीएम को भी वहां से हटाना चाहिए। वैसे भाजपा की राज्य सरकार से तो जनता का विश्वास ऐसे टूटा है कि लखनऊ में दुष्कर्म की शिकार पीड़िता दूसरे राज्य में केस दर्ज करा रही है।
यह कैसी विडम्बना है कि जिसकी साजिश करने में मास्टरी है वही विपक्ष पर साजिश करने का आरोप लगा रहे है। पूरा प्रदेश बलात्कार और हत्याओं से थर्रा उठा है। बच्चियों का जीवन खतरे में है। कोई जनपद नहीं बचा है जहां प्रतिदिन दुष्कर्म की घटनाएं न होती हो। नाबालिग छात्राएं डरी-सहमी है। भाजपा सरकार ने उत्तर प्रदेश को ‘रेप स्टेट‘ बना दिया है।
हाथरस काण्ड में जो प्रश्न अनुत्तरित हैं किन्तु जांच के महत्वपूर्ण बिन्दु है वे हैं कि रात में लाश जलाने को किसने कहा? क्या लखनऊ से फोन गया? एक बड़े अधिकारी ने रेप न होने का बयान दिया जबकि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में पीड़िता के प्राइवेट पार्ट में जख्म होने की बात है? पीड़िता का परिवार लगातार दहशत में क्यों है? कौन उनको मनमाने बयान देने के लिए धमकाता है? एक बात बहुत साफ है कि दुष्कर्म काण्ड के गुनहगार कितनी परतें ओढ़ लें लेकिन सच पर पर्दा नहीं डाला जा सकेगा। सच्चाई तो सामने आएगी ही और जब सच सामने आएगा तो आज की अहंकारी सत्ता का सारा खेल खत्म हो जाएगा। पीड़ित की आह कभी व्यर्थ नहीं जाती है। कानून के लम्बे हाथों से कोई अपराधी बच नहीं पाएगा।