लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा है कि भाजपा सरकार और प्रधानमंत्री सभी ‘कन्फ्यूज्ड‘ हैं। उन्होंने दो-दो शपथ ले रखी है एक आरएसएस की और दूसरी संविधान की। भाजपा सरकार एक तरफ आरक्षण की बात करने लगी है, दूसरी तरफ नौकरी के अवसर कम हो गए हैं। सरकारी बैंकों से कर्ज लेकर विदेश भागे उद्योगपतियों को भारत लाएंगे या नहीं, इस पर भी संशय है। अपनी कोई योजना तो ला नहीं पाए, प्रधानमंत्री जी समाजवादी सरकार में जो विकास कार्य हुए थे उनका ही फिर उद्घाटन कर रहे हैं। वह समझते है देश को कन्फ्यूज्ड किया जा सकता है। अब जनता ने भी तय कर लिया है कि इस बार भाजपा को ही फ्यूज्ड कर देंगे।
सत्ता का दुरूपयोग करना भाजपा का मूल चरित्र
समाजवादी अध्यक्ष ने कहा,प्रधानमंत्री ने रात में अचानक नोटबंदी घोषित कर दी,हड़बड़ी में जीएसटी लागू कर दी। इससे न तो भ्रष्टाचार कम हुआ और नहीं काला बाजार खत्म हुआ। जो कारोबार हो रहा था वह भी चैपट हो गया। प्रधानमंत्री ने नौजवानों से, किसानों से, महिलाओं और व्यापारियों से बड़े-बड़े वादे किए एक भी पूरा नहीं कर सके। वादा खिलाफी भी तो भ्रष्टाचार की श्रेणी में आता है। अधिकार और सत्ता का दुरूपयोग करना भाजपा का मूल चरित्र बन गया है। आम नागरिकों के संविधान प्रदत्त अधिकारों का हनन और असहमति की आवाज को कुचलना लोकतांत्रिक व्यवस्था में अवांछनीय है पर भाजपा को इसकी रत्तीभर परवाह नहीं है।
सत्ता में बैठे लोगों का अहंकार
अखिलेश यादव ने कहा,प्रधानमंत्री जी की सभाओं से पूर्व जो कुछ होता है वह जाहिर करता है कि सत्ता में बैठे लोगों का अहंकार कितना बढ़ गया है। सिर्फ इस आशंका में कि कहीं नौजवान छात्र-छात्रायें काला झंडा न दिखा दें न केवल उनकी गिरफ्तारी की जाती बल्कि जेलों में भी यातनाएं दी जाती है। किसान भी अब मार से नहीं बच रहे हैं। उनको प्रताड़ित किया जा रहा है।
छात्राओं तक को नहीं बख्शा
लोकतंत्र में विरोध प्रदर्शन का अधिकार विपक्ष का है। लेकिन जब-जब भी प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री की सार्वजनिक सभाएं होती हैं छात्रों-नौजवानों की जान पर बन आती है। छात्राओं तक को बख्शा नहीं जाता है। यह लोकतंत्र की हत्या करने जैसा है।
किसान कर्ज से उबर न पाने पर
भाजपा सरकारों के कामकाज और रवैये को लेकर जनता में भारी आक्रोश पनप रहा है। पांच वर्ष होने को हैं केन्द्र में भाजपा सरकार है लेकिन उसने जनहित की कोई योजना लागू नहीं की। नौजवान बेरोजगारी के शिकार हैं। किसान कर्ज से उबर न पाने पर आत्महत्या कर रहा है। प्रधानमंत्री ने 2 करोड़ नौकरियां देने, किसान की आमदनी दुगनी करने, हरेक के खाते में 15 लाख जमा करने जैसे वादे किए थे एक भी वादा आज तक पूरा नहीं कर सके।
समाजवादी सरकार में 23 महीनों में शानदार
झूठ और फरेब का सहारा लेकर भाजपा सत्ता में आ तो गई लेकिन विकास की जगह वह सत्ता का स्वार्थ साधन में प्रयोग करती रही है। भाजपा को विकास सीखना है तो समाजवादी सरकार में कैसे विश्वस्तरीय विकास कार्य हुए हैं इससे सीखे। समाजवादी सरकार में 23 महीनों में शानदार आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे बन गई। लखनऊ में मेट्रो रेल चल गई। अंतर्राष्ट्रीय स्तर का इकाना खेल स्टेडियम बन गया। चक गंजरिया क्षेत्र में आईटी हब, कैंसर अस्पताल और अमूल दुग्ध प्लांट की स्थापना हो गई। किसानों के मंडियों की व्यवस्था, गांवों, किसानों और कृषि विकास के लिए 75 प्रतिशत बजट की व्यवस्था भी समाजवादी सरकार में ही हुई। बेकारों को रोजगार, गरीब महिलाओं को समाजवादी पेंशन, छात्र-छात्राओं को विश्वस्तरीय 18 लाख लैपटाॅप, मुफ्त पढ़ाई, मुफ्त दवाई और मुफ्त सिंचाई की व्यवस्था भी समाजवादी सरकार में ही हुई थी। समाजवादी जनआकांक्षाओं की पूर्ति के लिए संकल्पित रहे है।
2019 में नया प्रधानमंत्री चुनने का मन
जनता में भाजपा के झूठ और फरेब से इतना आक्रोश है कि सभी ने 2019 में नया प्रधानमंत्री चुनने का मन बना लिया है। जनता के इस निर्णय को देखते हुए समाजवादी पार्टी के नेता-कार्यकर्ता पूरी ताकत के साथ भाजपा को अपने काले कारनामों के लिए जवाबदेह बनाएंगे। जनता को बरगलाने, भटकाने और बहकाने में अब भाजपा किसी भी तरह सफल नहीं हो सकेगी। गठबंधन की आहट होते ही प्रधानमंत्री जी की बौखलाहट और भविष्य को लेकर घबराहट उनके हावभाव में झलकने लगी है।