Breaking News

केरल हाईकोर्ट का बड़ा आदेश, मुस्लिम महिलाएं पति को दे सकती हैं रिवर्स तलाक

हाईकोर्ट ने अहम फैसला सुनाते हुए कहा है कि मुस्लिम महिलाएं रिवर्स तलाक दे सकती हैं। अदालत ने कहा है कि एक मुस्लिम महिला अदालत के बाहर अपने पति को एकतरफा तलाक दे सकती है जिसको खुला कहा जाता है। केरल हाईकोर्ट ने इसे कानूनी रूप से वैध माना है। न्यायमूर्ति ए मुहम्मद मुस्तकीम और न्यायमूर्ति सीएस डायस की खंडपीठ ने मुस्लिम पुरुषों के लिए उपलब्ध तालक के अधिकार के लिए क़ुला की बराबरी की। इसके लिए 1972 के फ़ैसले (केसी मोयिन बनाम नफ़ीसा और अन्य) को गलत ठहराया, जिसमें मुस्लिम महिलाओं को ऐसे अधिकार से वंचित रखा गया।

1972 के फैसले में एक एकल पीठ ने कहा था कि एक मुस्लिम महिला अपने पति को अदालत से बाहर तलाक नहीं दे सकती है। मुस्लिम पुरुषों को इस माध्यम से तलाक देने की अनुमति है। कोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि महिलाओं को मुस्लिम विवाह विघटन अधिनियम 1939 (डीएमएमए) के तहत कोर्ट का रास्ता अपनाना आवश्यक है।

अपील की एक बैच पर विचार करने के बाद, डिवीजन बेंच ने कहा कि ष्ठरूरू्र केवल फास्ख को नियंत्रित करता है। अदालत इसमें दिए गए कारणों की वैधता पर अपना फैसला सुनाता है। अदालत ने कहा कि अतिरिक्त न्यायिक तलाक के अन्य तरीके (तल्ख-ए-तफ़विज़, ख़ुला, और मुबारत) मुस्लिम महिला के लिए उपलब्ध हैं, जैसा कि शरीयत अधिनियम की धारा 2 में इसका जिक्र है। तालाक-ए-तफ़वीज़ एक अनुबंध पर आधारित है और पति द्वारा अनुबंध की शर्तों का उल्लंघन करने पर पत्नी तलाक प्राप्त कर सकती है।  Mubara’at   में आपसी सहमति से अलग होने का प्रावधान रहा है।

अदालत ने कहा, खुला तलाक का एक रूप है जो पत्नी को पति की तरह तलाक देना का अधिकार देता है। तलाक के एक रूप के रूप में खुला की मान्यता सीधे पवित्र कुरान से उपलब्ध है। अध्याय 2 छंद 228-229 में इसका जिक्र है। कुरान पति और पत्नी दोनों को तलाक देने का अधिकार देता है।

अदालत ने कहा कि पति की सहमति प्राप्त करना इसमें जरूरी नहीं है। पत्नी को डावर वापस करने की बाध्यता निष्पक्षता के सिद्धांत पर आधारित है जिसे मुस्लिम कुरान में देखने की आज्ञा है। अदालत ने कहा कि अगर पत्नी ने मेहर लौटाने से इनकार कर दिया, तो पति अदालत का दरवाजा खटखटा सकता है।

About Aditya Jaiswal

Check Also

आज का राशिफल: 24 अप्रैल 2024

मेष राशि:  मेष राशि के जातकों के लिए आज दिन नुकसानदेह रहेगा। पारिवारिक बातों को ...