मुंबई। पिछले कुछ समय से देशभक्ति की फिल्मों की लगभग परंपरा सी बन गई है उसी कड़ी को निर्देशक अनुराग सिंह की फिल्म केसरी Kesari आगे बढ़ा रही है। यह कहानी है अंग्रेजी हुकूमत के समय की है। इसे बैटल ऑफ सारागढ़ी के नाम से जाना जाता है, जो 12 सितम्बर, 1897 को अंग्रेजों और अफगान ओराक्जई जनजातियों के बीच लड़ा गया था।
यह अब के पाकिस्तान में स्थित उत्तर-पश्चिम फ्रण्टियर प्रान्त (खैबर-पखतुन्खवा) में हुआ। तब सिख ब्रिटिश फौज में 36 सिख रेजिमेंट की चैथी बटालियन थी जिसमें 21 सिख थे, जिन पर 10000 अफगानों ने हमला किया था। सिखों का नेतृत्व कर रहे हवालदार ईशर सिंह ने मरते दम तक लड़ने का फैसला किया । इसे सैन्य इतिहास में इतिहास के सबसे महान अन्त वाले युद्धों में से एक माना जाता है। कहा जाता है उस समय की ब्रिटिश संसद में भी सारागढ़ी के शहीदों के सम्मान में 2 मिनट का मौन रखा गया था।
आधारित फिल्म है Kesari
इस ऐतिहासिक घटना पर आधारित फिल्म है Kesari केसरी। निर्देशक अनुराग सिंह ने फिल्म के हर एक फ्रेम पर अपनी पकड़ बनाए रखीस हालांकि फिल्म की कथा का विस्तार करना मुश्किल काम था लेकिन बेहतरीन स्क्रीनप्ले के कारण फिल्म आपको एक भी पल नहीं छोड़ती। फिल्म जिस भव्यता से बनाई गई है वो दृश्य आपको मंत्रमुग्ध कर देते हैं। फिल्म की सिनेमैटोग्राफी (अंशुल चैबे) कमाल की है। एडिटिंग डिपार्टमेंट अगर इसे और 20 मिनट काट देता तो शायद फिल्म और भी रोचक बन पड़ती।
निर्देशक अनुराग सिंह ने युद्ध पर आधारित इस फिल्म में जिस तरह ह्यूमर का इस्तेमाल किया है तारीफ के काबिल है। सबसे बड़ी बात ब्रिटिश इंडिया की फौज होने के बावजूद जिस तरह अनुराग ने उसमें आज के परिपेक्ष में देश प्रेम को पिरोया है, वह वाकई सराहनीय है।
अभिनय की बात करें तो अक्षय कुमार अपने किरदार में पूरी तरह से रंगे नजर आते हैं। उन्हें देखकर लगता ही नहीं है कि वो ईशर सिंह नहीं है। उनकी पत्नी बनी परिणीति चोपड़ा थोड़े से समय के लिए आती है, मगर अपना प्रभाव छोड़ जाती है। इसके अलावा टीम के हर सदस्य ने अपना अपना किरदार पूरी ईमानदारी से निभाया है।