केंद्र शासित प्रदेश लक्षद्वीप (Lakshadweep) के घटनाक्रम को लेकर 93 पूर्व नौकरशाहों (Former Bureaucrats) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) को शनिवार को पत्र (Letter) लिखा है. पत्र में चिंता व्यक्त की गई है और कहा है कि ‘विकास’ के नाम पर वहां जो कुछ हो रहा है, वह ‘परेशान करनेवाला घटनाक्रम’ है.
इस पत्र की प्रति गृह मंत्री अमित शाह और पर्यावरण, वन व जलवायु परिवर्तन मंत्री प्रकाश जावड़ेकर के साथ भी साझा की गई है. इस पत्र पर पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार शिवशंकर मेनन, प्रसार भारती के पूर्व सीईओ जवाहर सरकार, पूर्व विदेश सचिव सुजाता सिंह, प्रधानमंत्री के पूर्व सलाहकार टी के ए नायर समेत 93 लोगों के हस्ताक्षर हैं.
भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ए पी अब्दुल्लाकुट्टी ने सोमवार को आरोप लगाया कि विपक्षी नेता प्रशासक पटेल का विरोध कर रहे हैं, क्योंकि उन्होंने द्वीपसमूह में नेताओं के ‘भ्रष्ट चलन’ को खत्म करने के लिए कुछ खास कदम उठाए हैं।
पत्र में कहा गया है कि भारत के मानचित्र में लक्षद्वीप एक अलग स्थान रखता है और यह सांस्कृतिक विविधताओं से भरा है। इस पत्र में उन तीन नियामकों के मसौदे पर प्रकश डाला गया है, जिस पर अभी विवाद चल रहा है। इस मसौदे को दिसंबर, 2020 में लक्षद्वीप के प्रशासक का अतिरिक्त पदभार संभालने के बाद पी के पटेल ने पेश किया है। पटेल दादरा व नगर हवेली, दमन-दीव के भी प्रशासक हैं।