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फाइलेरिया रोगी नेटवर्क के सक्रिय सदस्य लालता प्रसाद लोगों को फाइलेरिया से बचाव एवं प्रबंधन की दे रहे जानकारी

लखनऊ। मुझे रुग्णता प्रबंधन एवं दिव्यांगता (एमएमडीपी) का प्रशिक्षण लिए हुए आठ माह हो चुके हैं। मैने प्रशिक्षण कार्यक्रम में बताई गई बातों पर अमल किया और मुझे बहुत आराम है। मेरा आप सभी से यह कहना है कि आप लोग भी प्रशिक्षण में बताई गई बातों को अपने दैनिक जीवन में नियमित रूप से अमल में लाएं। इससे आपको बहुत आराम मिलेगा। इसके साथ ही अपने क्षेत्र में अन्य रोगियों को भी समूह से जुडने के लिए प्रेरित करें। यह कहना है फाइलेरिया रोगी नेटवर्क के सक्रिय सदस्य और पूर्व में एमएमडीपी का प्रशिक्षण ले चुके हरदौरपुर ग्राम के लालता प्रसाद का। वह फाइलेरिया ग्रसित रोगियों के सपोर्ट ग्रुप “श्री गणेश फाइलेरिया उन्मूलन समिति” के सदस्यों के लिए आयोजित एमएमडीपी पर प्रशिक्षण कार्यक्रम में बोल रहे थे।

यह प्रशिक्षण कार्यक्रम स्वास्थ्य विभाग के तत्वावधान में सेंटर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च (सीफार) द्वारा शुक्रवार को बक्शी का तालाब ब्लॉक के पहाड़पुर ग्राम पंचायत में आयोजित किया गया था।

सहायक मलेरिया अधिकारी सुषमा पांडे ने कहा कि यह मच्छर के काटने से होने वाली बीमारी है। इसलिए हमें मच्छरजनित परिस्थितियाँ नहीं उत्पन्न करनी चाहिए। फाइलेरिया ग्रसित रोगी को प्रभावित अंगों की नियमित तौर पर सफाई करनी चाहिए। व्यायाम करना चाहिए। उन पर एंटीसेप्टिक क्रीम लगानी चाहिए। यदि मरीज का पैर प्रभावित है तो उसे मुलायम जूते या चप्पल पहनने चाहिए। उन्होंने कहा कि समूह के सदस्य अपने आस-पास के लोगों को मच्छरजनित परिस्थितियाँ न उत्पन्न करने के लिए जागरूक करें क्योंकि मच्छरों से अन्य बीमारियाँ भी होती हैं।

सामूहिक दवा सेवन(एमडीए) के तहत लगातार पाँच साल तक साल में एक बार दवा का सेवन करने से इस बीमारी से बचा जा सकता है। फाइलेरिया से बचाव ही इसका इलाज है। परशिक्षण मे सीफार के डा.एस.के.पांडे ने एमएमडीपी का प्रदर्शन करके दिखाया। जिसमे विशेष तौर पर इस बात पर ध्यान दिया की रोगी अपनी नियमित साफ सफाई और देखभाल कैसे कर सकते हैं इसके साथ ही उन्होंने कुछ व्यायाम करके दिखाए।

फाइलेरिया रोगी नेटवर्क की सदस्य रेखा अग्निहोत्री और आनंद कुमारी ने बताया कि प्रशिक्षण कार्यक्रम से हम जो सीख रहे हैं वह तो अमल करेंगे ही साथ में यदि हमारे आस-पास कोई ऐसा व्यक्ति होगा तो उसे भी बताएंगे. इस मौके पर पहाड़पुर के ग्राम प्रधान संतोष कुमार रावत, आशा कार्यकर्ता आराधना अवस्थी, जग्गा देवी, सीफार के जिला समन्वयक सर्वेश पांडे, ब्लॉक समन्वयक अखिलेश प्रजापति, ग्रामीण, सपोर्ट ग्रुप के 11 सदस्यों सहित कुल 24 मरीज उपस्थित रहे।

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