लखनऊ। आज पुलिस महानिदेशक नियम एवं ग्रंथ आशीष गुप्ता ने राष्ट्रीय सेवा योजना के क्षेत्रीय निदेशालय द्वारा लखनऊ विश्वविद्यालय के एपी सेन सभागार में आयोजित राज्यस्तरीय समारोह में SPEL (Student Police Experiential Learning) कार्यक्रम के द्वितीय चरण का शुभारंभ करते हुए प्रथम चरण में शामिल एनएसएस नोडल अधिकारियों एवं प्रतिभागी स्वयंसेवकों को प्रमाण पत्र वितरित किया गया।
कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश के विभिन्न 65 जनपदों से आये हुए 185 एनएसएस नोडल अधिकारी एवं एनएसएस स्वयंसेवकों ने प्रतिभाग किया। भारत सरकार के युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय द्वारा वर्ष 2023 में देश के सभी राज्यों और संघशासित क्षेत्रों में सम्बंधित पुलिस विभागों के सहयोग से छात्र पुलिस अनुभवात्मक अधिगम (Student Police Experiential Learning, SPEL) कार्यक्रम के प्रथम चरण का शुभारंभ किया गया था। SPEL कार्यक्रम के लिए राष्ट्रीय सेवा योजना मंत्रालय की नोडल एजेंसी है और नियम एवं ग्रंथ मुख्यालय उत्तर प्रदेश पुलिस की नोडल एजेंसी है।
अनुभवात्मक सिखलाई (Experiential Learning) की अवधारणा यह है कि यदि विधार्थी अपनी शैक्षिक संस्था के बाहर किसी व्यावसायिक (professional) संस्था में उस संस्था के विशेषज्ञों के पर्यवेक्षण में व्यावहारिक (practical) और स्वयं करके सीखने वाला (hands on) प्रशिक्षण प्राप्त करते हैं, तो यह विद्यार्थियों के संज्ञानात्मक कौशल (cognitive skills) यानि कि उनकी सोचने, समझने, सीखने, तर्क करने की क्षमता आदि में वृद्धि तो करता ही है, साथ ही साथ उनके लोक कौशल (people skills) यानि लोगों से प्रभावी संवाद और संपर्क स्थापित करने की क्षमता में भी गुणात्मक सुधार करता है। विद्यार्थी समाज के साथ क्रियाशील तरीके से जुड़ते हैं और सामाजिक-आर्थिक मुद्दों की व्यावहारिक समझ बढ़ने से उनको प्राप्त होने वाली अकादमिक शिक्षा पुष्ट होती है और वास्तविक जीवन की समस्याओं का समाधान निकालने की संभावनाएं बढ़ती हैं।
कार्यक्रम के माध्यम से स्नातक स्तर के छात्र-छात्राओं को पुलिस थाने और अन्य पुलिस प्रतिष्ठानों में तीस दिवस में 120 घण्टों की अनुभवात्मक अधिगम (Experiential Learning) करायी जायेगी। SPEL के अंतर्गत विद्यार्थियों को प्रमुख रूप से निम्नलिखित बिंदुओं पर प्रशिक्षण दिया जाएगा।
1- आपराधिक कानूनों और प्रक्रियाओं का आधारभूत ज्ञान।
2- आपराधिक अन्वेषण (criminal investigation) का आधारभूत ज्ञान।
3- यातायात प्रबंधन।
4- कानून-व्यवस्था और सामान्य पुलिसिंग सम्बन्धी आधारभूत ज्ञान।
5- नशा उन्मूलन सम्बन्धी ज्ञान।
6- अन्य कोई भी प्रशिक्षण, जो स्थानीय पुलिस अधिकारी उपयुक्त समझें।
वर्ष 2023 में SPEL कार्यक्रम के प्रथम चरण में उत्तर प्रदेश के सभी 75 जनपदों में कुल 490 थानों में यह कार्यक्रम चलाया गया था, जिनमें 2571 छात्रों द्वारा सफलतापूर्वक इस प्रशिक्षण को पूर्ण किया था। इस कार्यक्रम में जोन, रेंज, जनपद और थाने स्तर के पुलिस अधिकारियों और पुलिसकर्मियों और NSS के प्रोग्राम ऑफिसर्स द्वारा बहुत मनोयोग और उत्साह से प्रतिभाग किया था। इस कार्यक्रम के संचालन और पंजीकरण के लिए mybharat पोर्टल युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय द्वारा विकसित किया गया है। प्रशिक्षण कार्यक्रम को सफलतापूर्वक पूर्ण करने के उपरांत छात्रों को पोर्टल द्वारा ऑनलाइन प्रमाणपत्र और UGC द्वारा क्रेडिट मार्क्स दिए जाते हैं। तकनीकी कारणों से कुछ जनपदों में प्रथम चरण पूर्ण करने वाले छात्रों के ऑनलाइन प्रमाणपत्र निर्गत नहीं हो सके। ऐसे छात्रों को प्रमाणपत्र वितरित करने के लिए और द्वितीय चरण का शुभारंभ करने के लिए NSS के क्षेत्रीय निदेशालय द्वारा उक्त कार्यक्रम लखनऊ विश्वविद्याल राष्ट्रीय सेवा योजना के सहयोग से लखनऊ विश्वविद्यालय के एपी सेन सभागार में आयोजित किया गया।
कार्यक्रम की रूपरेखा एवं राष्ट्रीय सेवा योजना का परिचय देते हुए क्षेत्रीय निदेशक समर दीप सक्सेना ने बताया कि छात्र पुलिस अनुभवात्मक अधिगम कार्यक्रम का उद्देश्य राष्ट्रीय सेवा योजना के स्वयंसेवकों को पुलिस प्रशासन की कार्यप्रणाली से परिचित कराना और समाज सेवा के प्रति उनकी जिम्मेदारी का बोध कराना है। यह कार्यक्रम पुलिस और समाज के बीच समन्वय स्थापित करने का एक प्रभावी माध्यम है। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के कार्यक्रम युवा स्वयंसेवकों में अनुशासन, जिम्मेदारी और समाज सेवा की भावना को प्रोत्साहित करते हैं।
कार्यक्रम के दौरान पुलिस अधीक्षक (पुलिस महानिदेशालय, उत्तर प्रदेश पुलिस) देव रंजन वर्मा ने SPEL के प्रथम चरण की सफलता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि इस कार्यक्रम ने पुलिस और युवाओं के बीच बेहतर समझ और समन्वय स्थापित करने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
कार्यक्रम में राज्य एनएसएस अधिकारी डॉ मंजू सिंह, उच्च शिक्षा विभाग उत्तर प्रदेश ने इस पहल की सराहना करते हुए इसे युवाओं और पुलिस विभाग के बीच सकारात्मक सहयोग का प्रतीक बताया। डॉ राकेश द्विवेदी (चीफ प्रॉक्टर, लखनऊ विश्वविद्यालय) ने अपने रासेयो स्वयंसेवक, कार्यक्रम अधिकारी एवं कार्यक्रम समन्वयक के रूप में अपने अनुभव साझा किए एवं कार्यक्रम की पहल पर अपने विचार व्यक्त किए।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि आशीष गुप्ता (महानिदेशक नियम एवं ग्रन्थ (रूल्स एवं मैन्युअल, उत्तर प्रदेश पुलिस) ने अपने प्रेरणादायक संबोधन से कार्यक्रम में विशेष ऊर्जा और महत्व जोड़ा। उन्होने NSS स्वयंसेवकों को अनुशासन का महत्व समझाते हुए कहा कि यह केवल जीवन को व्यवस्थित करने का माध्यम नहीं है, बल्कि व्यक्तित्व निर्माण और समाज सेवा का मूल आधार है। दूसरे चरण के शुभारंभ पर पुलिस महानिरीक्षक ने NSS स्वयंसेवकों को प्रेरित करते हुए कहा कि SPEL के पहले चरण में जो सकारात्मक प्रभाव देखा गया है, उसे अब और अधिक विस्तारित करना है। उन्होंने यह भी कहा कि पुलिस प्रशासन NSS के साथ मिलकर इस कार्यक्रम को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए हर संभव प्रयास करेगा।
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अपने वक्तव्य के अंत में आशीष गुप्ता ने विनम्रता का परिचय देते हुए कहा कि वह SPEL कार्यक्रम की सफलता का श्रेय स्वयं नहीं लेना चाहते। उन्होंने कहा, यह कार्यक्रम NSS स्वयंसेवकों की मेहनत और समर्पण का परिणाम है। मैं केवल एक मार्गदर्शक की भूमिका में था, जबकि वास्तविक नायक आप स्वयंसेवक हैं। कार्यक्रम मे मंच संचालन राजेश कुमार तिवारी (युवा अधिकारी, राष्ट्रीय सेवा योजना क्षेत्रीय निदेशालय, लखनऊ) एवं धन्यवाद ज्ञापन एनएसएस कार्यक्रम समन्वयक डॉ अमरेंद्र कुमार (लखनऊ विश्वविद्यालय) द्वारा किया गया। साथ ही कार्यक्रम मे राष्ट्रीय सेवा योजना क्षेत्रीय निदेशालय लखनऊ के शुभंकर सिंह एवं अश्वनी कुमार भी उपस्थित रहे।