लखनऊ। राष्ट्रीय लोकदल के कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष मनजीत सिंह ने तराई क्षेत्र के जनपदों के किसानों की समस्याओं को लेकर राष्ट्रीय लोकदल विधान मण्डल दल के नेता राजपाल बालियान से मिलकर भेंट किया था, जिस पर उन्होंने संज्ञान लेकर विधानसभा सदन सत्र के दौरान मुख्यमंत्री से प्रश्न (अतारांकित प्रश्न सख्या-31) किया। जिसका संज्ञान लेते हुए मुख्यमंत्री ने कार्यवाही से अवगत कराया कि प्रकरण शासन स्तर पर लम्बित है। इसके पूर्व कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष मनजीत सिंह के नेतृत्व में एक प्रतिनिधि सम्बन्धित समस्याओं को लेकर प्रदेश की महामहिम राज्यपाल से मिलकर ज्ञापन सौंप चुका है।
राष्ट्रीय लोकदल के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी जयन्त सिंह के निर्देशानुसार राष्ट्रीय लोकदल पीलीभीत तथा प्रदेश के विभिन्न जनपदों में विस्थापित परिवारों को पुनर्वासित किये जाने तथा किसानों को उनका हक दिलाने के लिए संघर्ष कर रहा है।
श्री सिंह ने बताया कि राष्ट्रीय लोकदल के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी जयन्त सिंह के संघर्ष के बाद आज पीलीभीत से शुरूआत हो चुकी है और इसके बाद प्रदेश के विभिन्न जनपदों में भी किसान परिवारों को पुनर्वासित करने की प्रक्रिया शुरू हो जायेगी। उन्होंने कहा कि आज पीलीभीत जिलाधिकारी द्वारा प्रमुख सचिव राजस्व की अध्यक्षता में आजादी के बाद विभिन्न स्थानों से आकर बसे परिवारों तथा किसानों द्वारा सम्बन्धित जनपद में ग्राम सभा व सरकारी जमीनों पर तत्समय से आवासित एवं कृषि कार्य किये जाने एवं पीलीभीत के नानकसागर डेम से विस्थापित किये गये परिवारों को पुर्नवासित करने के सम्बन्ध में वीडियों काॅफ्रेसिंग के माध्यम से बैठक भी आयोजित हो चुकी है।
उप्र. के जनपद पीलीभीत, लखीमपुर खीरी, रामपुर, बिजनौर, शाहजहांपुर तथा बहराइच सहित एक दर्जन जनपदों में भारत पाकिस्तान बंटवारे के समय से कई सिक्ख व पूर्वांचल के परिवार यहां आकर बसे थे। उस समय बंजर पड़ी भूमि को उक्त किसानों ने आबाद किया था और खून पसीना बहाकर उसको खेती योग्य उपजाऊ बनाया था। लगभग पिछले 70 वर्षो से उक्त जमीन पर खेती करते चले आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय लोकदल किसानों की हर समस्या के लिए सडक से लेकर सदन तक संघर्ष करता चला आ रहा है और आगे भी करता रहेगा।