नयी दिल्ली। पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी व पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की मौजूदगी में कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर के निवास पर पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री खुर्शीद महमूद कसूरी और पाकिस्तान के उच्चायुक्त सोहैल महमूद की बैठक होने की बात का खुलासा हुआ। खुलासा करने वाले वकील एवं भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता अजय अग्रवाल ने दावा करते हुए कहा कि उस बैठक में प्रधानमंत्री के खिलाफ साजिश रची गयी थी और इसके लिये डॉ. सिंह और अंसारी के विरुद्ध देशद्रोह का मुकदमा दर्ज करके जांच की जानी चाहिए। अग्रवाल ने छह दिसंबर की रात को राजधानी के जंगपुरा क्षेत्र में अपने पड़ोस में स्थित अय्यर के आवास पर हुई इस बैठक होने की जानकारी सबसे पहले सार्वजनिक की थी और उन्होंने राष्ट्रीय जांच एजेंसी को बकायदा एक पत्र लिख कर इस बैठक के आयोजन एवं उसमें हुई बातचीत की जांच करने का खुलासा किया है। अय्यर एवं अन्य नेताओं के विरुद्ध भारतीय दंड संहिता की धारा 124 के अंतर्गत मुकदमा दर्ज करने की मांग की है। अग्रवाल ने दावा किया है कि उस बैठक में गुजरात चुनाव को लेकर कुछ योजना बनी थी और उसी के अंतर्गत अय्यर ने अगले दिन सुबह मीडिया को बुलाकर मोदी को ‘नीच किस्म का आदमी’ कहा था। उन्होंने कहा कि मोदी को ‘नीच किस्म का आदमी’ कहने के लिये अय्यर के मुंह का इस्तेमाल किया गया था। दरअसल यह डॉ. सिंह, अंसारी, पाकिस्तानी नेता एवं उच्चायुक्त और कांग्रेस पार्टी के बड़े नेताओं की देश के सबसे लोकप्रिय प्रधानमंत्री के विरुद्ध सामूहिक दुर्भावनावश किया गया। इसके लिये कांग्रेस के नेतृत्व को देश से माफी मांगनी चाहिए। इसके बजाय वह उल्टे प्रधानमंत्री से माफी मांगने की बात कह रहे हैं। यह उल्टा चोर कोतवाल को डांटे वाली कहावत है। उन्होंने बताया कि अय्यर जंगपुरा एक्सटेंशन के मकान नंबर जी-43 में रहते हैं, जबकि उनका घर एफ-1 है। छह दिसंबर की देर शाम को उन्होंने देखा कि पूर्व उपराष्ट्रपति अंसारी, पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. सिंह, पाकिस्तान के उच्चायुक्त, कसूरी एवं अन्य गणमान्य लोग अय्यर के निवास पर आये थे और वहां भारी सुरक्षा इंतज़ाम थे। पाकिस्तानी उच्चायुक्त की कार उनके आवास के पीछे वाले हिस्से में खड़ी थी। वहां पुलिस एवं अन्य सुरक्षा बलों का जमावड़ा था। उन्हाेंने पुलिसकर्मियों से पूछा तो उन्होंने बताया कि कोई मीटिंग चल रही है। उन्होंने इसे सामान्य रूप में लिया और अपने गंतव्य को चले गये। वह जब देर रात घर लौटे तो देखा कि अय्यर के घर वह मीटिंग जारी थी। उन्हें तब तो कुछ भी असहज नहीं लगा लेकिन जब अगले दिन अय्यर ने मीडिया को बुलाकर मोदी के विरुद्ध ज़हरीली टिप्पणी की तो वह हतप्रभ रहे गये।
प्रोटोकाल तोड़कर, बिना सूचना हुई बैठक
अग्रवाल ने कहा कि गुजरात में पहले चरण के मतदान के ठीक दो दिन पहले सात दिसंबर को अय्यर का ऐसा बोलना और पूर्व उपराष्ट्रपति एवं पूर्व प्रधानमंत्री का प्रोटोकॉल तोड़ कर अय्यर के निवास पर पाकिस्तानी उच्चायुक्त से मिलना कोई अलग अलग बातें नहीं थीं। उस बैठक में इस बारे में बात हुई थी। कांग्रेस नेताओं ने कहा है कि वह बैठक भारत पाकिस्तान संबंधों पर हुई थी। अगर ऐसा था तो विदेश मंत्रालय एवं गृह मंत्रालय को सूचना क्यों नहीं दी गयी थी जो कि ऐसे मामलों में अनिवार्य होता है। उन्होंने कहा कि सवाल यह है कि क्या यह केवल लापरवाही का मामला है या विशेष प्रयोजन के लिये जानबूझ कर किया गया कृत्य। आज़ाद भारत के इतिहास में ऐसा कभी नहीं सुना गया कि भारत सरकार के दो शीर्ष पदाधिकारी रहे राजनेताओं ने इस प्रकार की गुप्त बैठकें की हो। उन्होंने कहा कि अगर ऐसा नहीं होता तो मीडिया में खबरें आने के बाद भी अंसारी या डॉ. सिंह की ओर से बैठक के बारे में भारत सरकार को कोई लिखित नोट भेजा जाता। विदेश मंत्रालय कह चुका है कि यह बैठक किसी ट्रैक-2 कूटनीति का हिस्सा भी नहीं थी। इसलिए इस बैठक का निश्चय ही कोई खास मकसद था जो देशहित के विपरीत और संदेहास्पद था। अग्रवाल ने कहा कि देश की पूर्ण बहुमत से निर्वाचित लोकप्रिय सरकार एवं प्रधानमंत्री के विरुद्ध बेहद घृणित बयान देने और ऐसी साजिशें रचने वाले लोगाें के विरुद्ध भारतीय दंड संहिता की धारा 124 (ए) के तहत मुकदमा दर्ज किया जाना चाहिए और एनआईए को गहन जांच करके पता लगाना चाहिए कि उस बैठक में वास्तव में क्या साजिश रची गयी थी।
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