कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने बुधवार को भाजपा पर हमला करते हुए कहा कि कोरोना वायरस के चलते केंद्र सरकार की तरह से अचानक किया गया लॉकडाउन असंगठित वर्ग के लिए मृत्युदंड जैसा साबित हुआ। वादा था 21 दिन में कोरोना ख़त्म करने का, लेकिन ख़त्म किए करोड़ों रोज़गार और छोटे उद्योग।
राहुल ने वीडियो जारी कर यह भी कहा कि इस आक्रमण के खिलाफ लोगों को खड़ा होना पड़ेगा। कांग्रेस नेता ने ट्वीट कर आरोप लगाया कि ‘‘कोरोना के नाम पर जो किया गया वो असंगठित क्षेत्र पर तीसरा आक्रमण था। गरीब लोग, छोटे एवं मध्यम कारोबारी रोज कमाते हैं और रोज खाते हैं। लेकिन आपने बिना किसी नोटिस के लॉकडाउन किया, आपने इनके ऊपर आक्रमण किया।’’
अचानक किया गया लॉकडाउन असंगठित वर्ग के लिए मृत्युदंड जैसा साबित हुआ।
वादा था 21 दिन में कोरोना ख़त्म करने का, लेकिन ख़त्म किए करोड़ों रोज़गार और छोटे उद्योग।
मोदी जी का जनविरोधी 'डिज़ास्टर प्लान' जानने के लिए ये वीडियो देखें। pic.twitter.com/VWJQ3xAqmG
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) September 9, 2020
उन्होंने दावा किया, ‘‘प्रधानमंत्री जी ने कहा 21 दिन की लड़ाई होग।असंगठित क्षेत्र के रीड़ की हड्डी 21 दिन में ही टूट गई।’’ उनके मुताबिक, जब लॉकडाउन के खुलने का समय आया, तो कांग्रेस पार्टी ने एक बार नहीं अनेक बार सरकार से कहा कि गरीबों की मदद करनी ही पड़ेगी, ‘न्याय’ योजना जैसी एक योजना लागू करनी पड़ेगी, बैंक खातों में सीधा पैसा डालना पड़ेगा। लेकिन सरकार ने यह नहीं किया।
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने आरोप लगाया, ‘‘हमने कहा कि लघु एवं मध्यम स्तर के कारोबारों के लिए आप एक पैकेज तैयार कीजिए ,उनको बचाने की जरूरत है। सरकार ने कुछ नहीं किया, उल्टा सरकार ने सबसे अमीर 15-20 लोगों का लाखों करोड़ों रुपये का कर्ज माफ किया।’’ राहुल ने दावा किया कि लॉकडाउन कोरोना पर आक्रमण नहीं था, बल्कि यह हिंदुस्तान के गरीबों, युवाओं के भविष्य, मजदूर किसान और छोटे व्यापारियों तथा असंगठित अर्थव्यवस्था पर आक्रमण था। उन्होंने कहा कि हमें इस बात को समझना होगा और इस आक्रमण के खिलाफ हम सबको खड़ा होना होगा।