लोकदल के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुनील सिंह ने किसानों पर अपनी मांगों को लेकर कर रहे प्रदर्शन पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि यह कोरोना काल की आड़ में किसानों पर लाठी चार्ज, पानी की बौछार करके लोकतंत्र की हत्या की जा रही है।
सरकार ने किसानों की मांग को दरकिनार करके अपने तानाशाही होने का सबूत दे रही है। सरकार के समक्ष मजबूत विपक्ष नहीं होने के कारण सरकार मनमर्जी कर रही है। किसानों की स्थिति अत्यधिक दयनीय होने के बावजूद सरकार कार्पोरेट घरानों के दवाब में किसान हित में ठोस कदम नहीं उठा पा रही है। उद्योगपतियों को उपहार में बैंकों के कर्ज को माफ करना, रेलवे स्टेशनों, एयरपोर्ट को उद्योगपतियों के हाथ में दे देना देश हित में नहीं है।
श्री सिंह ने आगे कहा किसानों की स्थिति बद से बदतर होती जा रही है, इसलिए देश के खाने के अन्न और सुरक्षा के लिए जवान तैयार करने वाले किसान के लिए सदन से लेकर सड़क तक संघर्ष जारी रहेगा। जब तक देश और राज्यों की सरकारें किसानों को केंद्र बिंदु मान कर योजना नहीं बनाएंगी तब तक देश के विकास का सपना देखा जाना देश के भविष्य के साथ छलावा है।
उन्होने कहा कि जब तक किसान अपने अधिकारों के प्रति संवेदनशील होकर सड़क पर संघर्ष ऐसे ही करता रहेगा तब तक सदन में बैठे लोग किसानों के प्रति संवेदनशील नहीं होंगे। सुनील सिंह ने कहा कि वर्तमान में किसानों की स्थिति अत्यंत खराब है और अगर हम इस समय भी हाथ पर हाथ रख कर बैठे रहे तो आने वाली पीढ़ियां हमें कभी भी माफ नहीं करेंगी। किसानों ने अपनी जान देकर देश के सोए हुए किसानों को जगाने का काम किया है। अगर अब भी हम सोए रहते हैं तो शहीद किसानों की आत्मा को गहरा दुख पहुंचेगा।