नई दिल्ली। सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे पिछली संप्रग सरकार के दौरान तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से खुश नहीं थे, और वह मौजूदा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी खुश नहीं हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने लोकपाल विधेयक को मजबूत करें। जिससे देश में बिगड़ी हुई स्थितियों को सुधारने में मजबूती आये। अन्ना मध्यप्रदेश की पर्यटन नगरी, खजुराहो में शनिवार से शुरू हुए दो दिवसीय राष्ट्रीय जल सम्मेलन में हिस्सा लेने आए हुए हैं। अन्ना ने कहा कि मनमोहन सिंह बोलते नहीं थे और उन्होंने लोकपाल-लोकायुक्त कानून को कमजोर किया, और अब वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लोकपाल को मजबूती से लागू नहीं कर रहे। मनमोहन सिंह के समय कानून बन गया था, उसके बाद नरेंद्र मोदी ने संसद में 27 जुलाई, 2016 को एक संशोधन विधेयक के जरिए यह तय किया कि जितने भी अफसर हैं, उनकी पत्नी, बेटे-बेटी आदि को हर साल अपनी संपत्ति का ब्योरा नहीं देना होगा। जबकि कानून में यह ब्योरा देना आवश्यक था। अन्ना ने कहा कि केंद्र सरकार ने उद्योगपतियों को तो लाभ पहुंचाने में कोई कसर नहीं छोड़ी, लेकिन किसानों की चिंता किसी को नहीं है।
सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना ने कहा कि उद्योग में जो सामान तैयार होता है, उसकी लागत मूल्य देखे बिना ही दाम की पर्ची चिपका दी जाती है। आज हाल यह है कि किसानों का जितना खर्च होता है, उतना भी दाम नहीं मिलता। वहीं किसान को दिए जाने वाले कर्ज पर चक्रवृद्धि ब्याज लगाया जाता है। कई बार तो ब्याज की दर 24 प्रतिशत तक पहुंच जाती है। साल 1950 का कानून है कि किसानों पर चक्रवृद्धि ब्याज नहीं लगा सकते, मगर लग रहा है। साहूकार भी इतना ब्याज नहीं ले सकता, जितना बैंक ले रहे हैं।
60 वर्ष आयु पार कर चुके किसानों को दें पेंशन
अन्ना ने बताया कि उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर कहा है कि किसानों से जो ब्याज साहूकार नहीं ले सकते, वह ब्याज बैंक वसूल रहे हैं। बैंक नियमन अधिनियम का पालन नहीं हो रहा है, इसे भारतीय रिजर्व बैंक को देखना चाहिए, अब वह नहीं देखती तो सरकार किस लिए है। इसके साथ ही 6० वर्ष की आयु पार कर चुके किसानों को पांच हजार रुपये मासिक पेंशन दिया जाना चाहिए। अन्ना का मानना है कि सरकारें तब तक बात नहीं सुनती हैं, जब तक उन्हें यह डर नहीं लगने लगता है कि उनकी सरकार इस विरोध के चलते गिर सकती है। इसलिए जरूरी है कि सरकार के खिलाफ एकजुट होकर आंदोलन चलाया जाए। जब तक नाक नहीं दबाई जाएगी, तब तक मुंह नहीं खुलेगा।
Tags Anna bank bank regulation act Central Government Compound interest cost price farmers industrialists industry Khajuraho law Lokayukta Law Lokpal Manmohan Singh Narendra modi National Water Conference Parliament Pension Prime Minister profit social worker strong then Tourism City UPA Government
Check Also
‘महायुति के प्रति मतदाताओं के लगाव से वोट प्रतिशत में हुई वृद्धि’, फडणवीस का सरकार बनाने का दावा
मुंबई। महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने राज्य विधानसभा चुनाव में मतदान प्रतिशत में बढ़ोतरी ...