लोंगोवाला पोस्ट पर नरेंद्र मोदी का दीपावली सन्देश भारतीय मान्यताओं के अनुरूप था। प्रधानमंत्री सैनिकों के साथ दीपावली मनाने यहां आए थे। उन्होंने कहा कि दीपावली के दिन द्वार के सामने शुभ लाभ या रिद्धि सिद्धि आदि रंगोली की परंपरा है। इसके पीछे यही सोच होती है कि दीपावली पर स्मृद्धि आए। वैसे ही राष्ट्र की सीमाएं एक प्रकार से देश का द्वार होती हैं। ऐसे में राष्ट्र की स्मृद्धि, शुभ लाभ और रिद्धि सिद्धि सैनिकों के पराक्रम से है।
इसीलिए देश के हर घर में सैनिकों के गौरव गान में दीया जलाकर लोग अपनी भावनाएं प्रकट कर रहे हैं। भारत अब प्रचंड जवाब देने की स्थिति में है। नरेंद्र मोदी ने चीन का नाम नहीं लिया। लेकिन उनका निशाना उसी पर था। आज पूरा विश्व ‘विस्तारवादी ताकतों से परेशान हैं। विस्तारवाद, एक तरह से मानसिक विकृति है। यह आठरहवीं शताब्दी की सोच को दर्शाती है।
लोंगोवाला पोस्ट पर गर्मियों में तापमान पचास डिग्री को छूता है। और सर्दियों मे शून्य के नीचे चला जाता है। इस पोस्ट पर सैनिकों ने शौर्य की ऐसी गाथा लिख दी है। जब भी सैन्य कुशलता के इतिहास के बारे में लिखा पढ़ा जाएगा तब बैटल ऑफ लोंगेवाला को याद किया जाएगा। उस पाकिस्तान का घृणित चेहरा उजागर हो रहा था।
इन सबसे दुनिया का ध्यान हटाने के लिए पाकिस्तान ने हमारे देश की पश्चिमी सीमा पर मोर्चा खोल दिया। उनको लगता था कि ऐसा करके बांग्लादेश के पाप छिपा लेंगे। लेकिन इस पोस्ट पर पराक्रम की गूंज ने दुश्मन का हौसला पस्त कर दिया। मेजर कुलदीप सिंह चांदपुर की नेतृत्व में दुश्मन को धूल चटा दिया। सवा सौ भारतीय सैनिकों ने तीन हजार सिनिकों को धूल चटा दी थी।