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वाराणसी: यहां बहनें अपनी चीभ पर कांटे चुभो कर मानती हैं भैया दूज

वाराणसी। शिव की नगरी काशी में सोमवार को भैया दूज का पर्व धूमधाम से मनाया गया। बहनों ने पूजा-पाठ कर भाई के लंबी उम्र की कामना की और श्राप से मुक्ति के लिए अपनी जीभ पर कांटे चुभोया। इसकी कथा कृष्णावतार से जुड़ी है। कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष को बहनें अपनी चीभ पर कांटे चुभोती हैं।

भगवान श्रीकृष्ण ने जब गोवर्धन पर्वत को उठाया था तो अनेक जीव-जंतु उसके नीचे शरण लिए थे। उस समय उनकी बहन सुभद्रा ने गोवर्धन पूजा किया और कृष्ण के लिए कांटों को जीभ पर चुभोया और बोला था- कभी अगर कुछ गलत भी सोचा हो तो माफ करिएगा। आप ऐसे ही सभी की रक्षा करते रहें। कथा के अनुसार वही प्रचलन आज भी है।

ऐसा मानना है कि सूर्य के दो संतान थे- पुत्र यमराज और पुत्री यमुना। यमराज को मृत्यु के देव की संज्ञा दी जाती है। वह अपने बहन के घर कभी नहीं जाते थे। बहुत आग्रह पर एक बार यमुना के घर गए। बहन ने तिलक लगाकर उनकी आरती उतारकर सत्कार किया। -इससे प्रसन्न होकर यमराज ने वरदान देने की बात कही।

इस पर यमुना ने सभी भाइयों के लंबी उम्र की कामना की। यमराज ने कहा- बहन, जो इस पूजन के विधान को करेगा उसका भाई दीर्घायु होगा। तभी से दिवाली के दूसरे दिन यम द्वितिया का पूजन प्रचलन में आया।

रिपोर्ट-जमील अख्तर

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