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उत्तर रेलवे के लखनऊ मंडल ने शुरू किया ईज ऑफ बिजनेस का नया प्लेटफार्म – ‘ई-ऑक्शन प्रणाली’

लखनऊ। भारतीय रेल के परिप्रेक्ष्य में उत्तर रेलवे के लखनऊ मंडल के वाणिज्य विभाग द्वारा किसी आय से सम्बंधित(earning contract) कार्य का ठेका देने की प्रक्रिया को अब ई-ऑक्शन (E-Auction) प्रणाली के तहत प्रारंभ किया गया है। इस प्रक्रिया के अंतर्गत ई-ऑक्शन में भाग लेने हेतु संभावित बोलीदाता/पार्टी को www.IREPS.gov.in पर जाकर स्वयं को ई-ऑक्शन मोडयूल में पंजीकृत कराना होगा। यह पंजीकरण भारतीय रेल के सभी ज़ोनों एवं पी.यू. के लिए वैध होगा तथा वेंडर को अलग-अलग ज़ोन/पी.यू. के लिए अलग-अलग पंजीकरण नहीं कराना होगा।

उत्तर रेलवे के लखनऊ मंडल ने शुरू किया ईज ऑफ बिजनेस का नया प्लेटफार्म – ‘ई-ऑक्शन प्रणाली’

जिस वेंडर का अकाउंट IREPS के अन्य Module (वाणिज्यिक ठेका व् अन्य )के लिए पहले से हैं, उन्हें भी अपने आप को Commercial Auction Module के लिए नामांकन कराना होगा। साथ ही वेंडर को भारतीय स्टेट बैंक में करंट अकाउंट ओपन करना होगा इसके उपरांत इस अकाउंट को ई-ऑक्शन मोडयूल के साथ लिंक कराना होगा। उल्लेखनीय है कि 40 लाख तक के ठेकों पर वार्षिक वित्तीय टर्न-ओवर की कोई आहर्ता नही है, 40 लाख से ऊपर व 1 करोड़ तक के ठेकों पर वार्षिक वित्तीय टर्न ओवर कम से कम 20 लाख का होना चाहिए एवं 1 करोड़ से ऊपर के ठेकों के लिए वार्षिक वित्तीय टर्न ओवर कम से कम 50 लाख होना चाहिए उपरोक्त अहर्ताए पिछले 3 वित्तीय वर्षो में कम से कम किसी भी एक वर्ष में होनी आवश्यक है।

ई-ऑक्शन के पंजीकरण हेतु एक मुश्त पंजीकरण शुल्क रु०10,000+GST जमा कराना पड़ता है, जो सदैव के लिए मान्य होगा। पंजीकरण शुल्क का भुगतान ऑनलाइन किया जाएगा। पंजीकरण हो जाने के बाद, वेंडर रेलवे के किसी भी ज़ोन के ई-ऑक्शन ठेके के लिए बोली लगा सकता है। इस प्रक्रिया के द्वारा पार्किंग, लीजिंग ऑफ़ एसएलआर, पे एंड यूज शौचालय, एटीएम एवं पब्लिसिटी ठेके के ई-ऑक्शन किये जा रहे है। इस प्रक्रिया के लाभों के अंतर्गत, विक्रेता अपने क्रेताओं को ऑनलाइन माध्यम से बोली हेतु आमंत्रित करेगा, प्रतिस्पर्धा में वृद्धि होगी, न्यूनतम समय में ऑक्शन कार्य संपन्न किया जा सकेगा, पारदर्शिता होने के कारण आपसी विश्वास बढेगा।

यह प्रक्रिया Cloud Base पर आधारित है। अतः इससे सम्बंधित समस्त सूचनाओं को अधिक सुरक्षित एवं गोपनीय रखा जा सकेगा, वेंडर किसी भी स्थान से बिना किसी अतिरिक्त माध्यम के सीधा अपने विक्रेता के संपर्क में रहेगा साथ ही इस प्रक्रिया के द्वारा रेल-राजस्व में भी वृद्धि होगी। इस प्रक्रिया में भाग लेने वाले किसी भी पंजीकृत वेंडर को पूर्व में किसी भी कार्य अनुभव की बाध्यता की आवश्यकता नही है।

वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक/फ्रेट, श्री राहुल ने बताया कि मंडल की टेंडरिंग प्रक्रिया में मंडल के कुल 651 एसेट्स उपलब्ध है जिस पर वेंडर बोली लगा सकते है। ई.ऑक्शन कार्य प्रणाली के सम्बन्ध में प्रशासन (विक्रेता) एवं क्रेताओ (कांट्रेक्टरों) के मध्य समय-समय पर औपचारिक व अनौपचारिक बैठकों का आयोजन किया जा रहा है। इन बैठको में ई-ऑक्शन टेंडर प्रणाली के सम्बन्ध में कांट्रेक्टरों को आवश्यक जानकारी एवं आवश्यक बिन्दुओं पर विस्तार से चर्चा करते हुए उनकी शंकाओ का समाधान किया जा रहा है ताकि यह प्रणाली पूर्ण पारदर्शिता के साथ सुगमतापूर्वक अमल में लायी जा सके।

रिपोर्ट – दया शंकर चौधरी

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