किसी परिवर्तन के लिए सबसे पहले अपने आपको वहां से हटाना होगा जहां हम पहले से बहुत समय से जुड़े हैं। अपने विचार को मुक्त कैसे किया जा सका? नए परिवर्तनों को कैसे अपनाया जा सकता है? इस परिवर्तन को कैसे स्वीकार किया जाना चाहिए? इसका भी समय मिलना चाहिए। – कुलपति प्रो. आलोक कुमार राय, लखनऊ विश्वविद्यालय
- Published by-@MrAnshulGaurav
- Thursday, March 24, 2022
लखनऊ। समाजकार्य विभाग में यूजीसी मानव संसाधन विकास केंद्र, लखनऊ विश्वविद्यालय के सहयोग से राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 पर एक सप्ताह का अल्पकालीन पाठ्यक्रम प्रारंभ किया गया।
इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य विश्लेषणात्मक सोच और नवाचार, जटिल समस्या-समाधान, सीखने की रणनीतियाँ, महत्वपूर्ण सोच और विश्लेषण, तनाव, सहनशीलता और लचीलापन, भावनात्मक बुद्धिमत्ता, रचनात्मकता, मौलिकता और पहल, नेतृत्व और सामाजिक प्रभाव, तर्क, समस्या-समाधान और विचार, प्रौद्योगिकी का उपयोग,के साथ राष्ट्रीय शिक्षा नीति के विभिन्न पहलुओं को समझना है।
कार्यक्रम का संचालन करते हुए शोधार्थी तंजीला सिद्दीकी ने सभी प्रतिभागियों एवं सभी अतिथियों का स्वागत किया एवं सभी मुख्य अतिथियों ने दीप प्रज्वलन किया। इसी के साथ अतिथियों का स्वागत पुष्प गुच्छ देकर किया गया। कार्यक्रम का स्वागतिय संबोधन करते हुए प्रोo कमल कुमार, डायरेक्टर यूजीसी मानव संसाधन विकास केंद्र ल0वि0वि ने सभी का स्वागत एवं अभिनंदन किया।
प्रो. कमल कुमार ने मुख्य अथिति मोनिका एस गर्ग, अतिरिक्त प्रमुख सचिव उच्च शिक्षा विभाग उo प्रo के बारे में बताया की उन्होंने किस प्रकार कोविड महामारी के दौरान भी बच्चों की शिक्षा को प्रभावित नहीं होने दिया। प्रोo कमल कुमार ने बताया कि कुलपति प्रोo आलोक कुमार राय के संरक्षण में लखनऊ विश्वविधालय सर्वप्रथम इस राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 पर अल्पकालीन पाठ्यक्रम का आरम्भ किया गया है।
प्रोo अनूप कुमार भारतीय विभागाध्यक्ष समाज कार्य विभाग ने कार्यक्रम के एक संक्षिप्त रूपरेखा को बताया की किसी कार्यक्रम को करने के लिए फंड एवं प्रतिभागियों का होना बहुत आवश्यक है जिसमें मुख्य भूमिका मोनिका गर्ग की रही। प्रोo अनूप कुमार भारतीय ने यह भी बताया कि किसी कार्य में आने वाली बाधाओं को शक्ति देने वाले तत्व बताया।
कार्यक्रम को करने के पश्चात 7 दिन की अल्पकालीन पाठ्यक्रम के बारे में ये भी कहा के इसके बाद सभी प्रतिभागी राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 का एक अच्छा ज्ञान लेकर यहां से जायेंगे । मोनिका गर्ग ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के बारे में उसकी मुख्य विशेषताएं एवं इसके व्यवहारिक रूप पर बात की। इसकी तुलना कौशल विकास से करते हुए कहा कि विद्यार्थीयों को ऐसी शिक्षा मिले जिससे कार्यक्रम के अंत तक विद्यार्थी अपने हाथ में डिग्री के साथ एक रोजगार लेकर भी संस्थान से जाए एवं शिक्षण संस्थानों में बच्चों को व्यवहारिक शिक्षा में आने वाली कठिनाइयों के बारे में बताया।
साथ ही, स्नातक स्तर पर व्यावसायिक कार्यक्रमों की महत्ता भी बताई। स्थानीय व्यवसाय को बढ़ावा देने हेतु भी इस प्रकार के पाठ्यक्रम का आरंभ करने हेतु प्रेरित किया जिससे स्थानीय व्यवसाय तो बढ़ेंगे ही साथ ही एक अमूल्य धरोहर मिलेगी जो होगा उनका जमीनी तौर पर अनुभव। इसके पश्चात तंजीला सिद्दीकी ने आदरणीय कुलपति प्रोo आलोक कुमार राय को अपने विचार साझा करने हेतु आमंत्रित किया सर्वप्रथम प्रो. आलोक राय ने मुख्य अतिथि एवं सभी का स्वागत किया एवं बताया कि शिक्षकों के सहयोग के बिना इस नीति को अपनाना संभव नहीं था।
उन्होंने बताया कि किसी परिवर्तन के लिए सबसे पहले अपने आपको वहां से हटाना होगा जहां हम पहले से बहुत समय से जुड़े हैं अपने विचार को मुक्त कैसे किया जा सका नए परिवर्तनों को कैसे अपनाया जा सकता है और इस परिवर्तन को कैसे स्वीकार किया जाना चाहिए इसका भी समय मिलना चाहिए। सभी डिग्री कॉलेज के शिक्षकों को अपने विचार एवं नए सुझाव नए प्रोजेक्ट उत्तर प्रदेश सरकार को देने हेतु कहा। उच्च शिक्षा विभाग उo प्रo सरकार द्वारा जल्द ही यह प्रयास किया जा रहा है की स्ववित्तपोषित शिक्षकों को भी उतना ही वेतन दिया जाए जितना नियमित रूप से कार्यरत शिक्षकों को दिया जाता है।
इसके पश्चात कार्यक्रम में उपस्थित शिक्षकों ने भी अपने विचार साझा किए व अतिथियों के साथ राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर उनका संवाद हुआ। कार्यक्रम के समापन में मुख्य अतिथि श्रीमती मोनिका एस गर्ग अतिरिक्त प्रमुख सचिव उच्च शिक्षा विभाग, उo प्रo को मोमेंटो एवं अंगवस्त्रम देकर सम्मानित किया। प्रोo कमल कुमार ने माननीय कुलपति प्रोo आलोक कुमार राय को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया।
संजय मेधावी जी ने मुख्य अतिथि श्रीमती मोनिका एस गर्ग, अतिरिक्त प्रमुख सचिव उच्च शिक्षा विभाग उo प्रo, कुलपति प्रोo आलोक कुमार राय, रजिस्ट्रार डॉ विनोद कुमार सिंह, प्रोo कमल कुमार, प्रोo केया पांडे, प्रोo अनूप कुमार भारतीय एवं उपस्थित सभी शिक्षकों, शोधकर्ताओं एवं विद्यार्थियों का धन्यवाद ज्ञापित किया और राष्ट्रगान के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ।