राम मंदिर का मॉडल मिलने पर फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रों की प्रतिक्रिया भाव विभोर करने वाली थी। उन्होंने कहा, ‘अयोध्या जाना पड़ेगा’। इमैनुएल मैक्रों पेरिस से सीधे जयपुर पहुंचे थे। प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रपति मैक्रों को यूपीआई पेमेंट डिजिटल सिस्टम के बारे में जानकारी दी। उन्होंने एक दुकान से राम मंदिर की प्रतिकृति खरीदी और दुकानदार को यूपीआई से पांच सौ रुपये का भुगतान किया।
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पीएम ने इसे तुरंत ही राष्ट्रपति मैक्रों को गिफ्ट कर दिया। प्रधानमंत्री और फ्रांस के राष्ट्रपति जयपुर में एक चाय की दुकान पर गए। चाय पीते हुए एक-दूसरे से बातचीत भी की। मैक्रो ने अयोध्या जाने की अभिलाषा व्यक्त की।
उनका य़ह कथन भारत के विपक्षी नेताओं और कतिपय धर्माचार्य के लिए आत्मचिंतन का विषय होना चाहिए। जिन्होंने प्राण प्रतिष्ठा के आमन्त्रण को अस्वीकार किया। उस पर संशय व्यक्त किया।
जबकि गीर्वाणवाग्वर्धिनी सभा ने कहा था कि बाइस जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा में कोई दोष नहीं है। प्राण प्रतिष्ठा पूरी तरह दोष रहित है। इस दिन का मुहूर्त सर्वोत्तम है। इसके बाद अगले दो वर्ष तक प्राण प्रतिष्ठा और लोकार्पण का शुभ मुहूर्त नहीं मिल रहा था।
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इसमें लग्नस्थ गुरु की दृष्टि पंचम, सप्तम एवं नवम भाव पर होने से मुहूर्त उत्तम है। मकर का सूर्य होने के कारण पौषमास का दोष समाप्त हो जाता है। शिलान्यास व लोकार्पण का मुहूर्त देने वाले पंo गणेश्वर शास्त्री द्राविड़ इस सभा के परीक्षाधिकारी मंत्री भी हैं। उनका कहना था कि देवमंदिर की प्रतिष्ठा दो तरह से होती है। एक संपूर्ण मंदिर बनने पर। दूसरा मंदिर में कुछ काम शेष रहने पर भी।
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प्राण प्रतिष्ठा का मुहूर्त वाराणसी के पुजारी श्रद्धेय गणेश्वर शास्त्री ने निर्धारित किया था। इन्होंने आपत्ति करने वाले शंकराचार्य को चुनौती दी थी। प्राण प्रतिष्ठा से जुड़े कर्मकांड की संपूर्ण विधि काशी के लक्ष्मीकांत दीक्षित द्वारा सम्पन्न करायी गई।
रिपोर्ट-डॉ दिलीप अग्निहोत्री