लखनऊ। मड़ियांव इंस्पेक्टर राघवन कुमार सिंह और गाजीपुर इंस्पेक्टर गिरजाशंकर त्रिपाठी की लगातार मिल रही शिकायतों के चलते दोनों का स्थानांतरण जनपद के बाहर कर दिया गया। शिकायतों की जांच कर रहे आईजी जयनारायण सिंह ने दोनों को दोषी पाया। जिसके कारण गिरजाशंकर त्रिपाठी को सीतापुर और राघवन कुमार सिंह को उन्नाव भेज दिया गया। इस प्रकरण में खास बात देखने को मिली कि दोनों इंस्पेक्टरों की ऊंची पहुंच के चलते निलंबन के बजाय दोनों को लखनऊ से बाहर का रास्ता दिखाया गया है।
शिकायतों की अनदेखी से लोग थे परेशान
राजधानी लखनऊ के मडियांव थाने के प्रभारी रहे राघवन सिंह के खिलाफ व्यापारियों समेत अनेक लोग शिकायतें कर रहे थे।
राघवनसिंह पर क्षेत्र में अवैध खनन को सह देने, पीड़ितों के केस की धाराएं हटा कर आरोपियों को फायदा पहुंचाने के आरोपों की शिकायतें आईजी और सीएम के पोर्टल पर लगातार की जा रही थीं।
इसी तरह के एक मामले में मुतक्कीपुर निवासी मुजीद बेग के ऊपर हुए जानलेवा हमला और लूट का मुकदमा तो राघवन सिंह ने हीलाहवाली के बाद दर्ज किया था। लेकिन जाँच में लूट व अन्य धाराओं को हटा कर केस को कमजोर करने का आरोप पीड़ित ने लगाया था।
मुजीद बेग ने लिखित प्रार्थनापत्र देकर अपने केस की जांच मड़ियांव थाने से अलग किसी अन्य थाने के दारोगा से कराने की मांग आईजी जयनारायण सिंह से की थी।
इसी तरह की कुछ शिकायतें गाजीपुर इंस्पेक्टर गिरिजाशंकर त्रिपाठी के खिलाफ भी लगातार मिल रही थी, जिसके कारण राघवनसिंह और गिरिजाशंकर त्रिपाठी को निलंबित करने के बजाय जिले से बाहर का रास्ता दिखाया गया।