महाराष्ट्र के एक विधायक ने बढ़ रही आवारा कुत्तों की संख्या को काबू में करने के लिए अजीबो-गरीब सलाह दी है। प्रहार जनशक्ति पार्टी के प्रमुख और विधायक बच्चू कडू ने कहा कि कुत्तों की आबादी को नियंत्रित करने के लिए आवारा कुत्तों को असम भेज देना चाहिए।
कडू के मुताबिक, असम में स्थानीय लोग कुत्तों को खाते हैं। कडू राज्य विधानसभा में आवारा कुत्तों के कारण होने वाली समस्याओं के संबंध में विधायक प्रताप सरनाइक और अतुल भातखलकर द्वारा उठाए गए प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान बोल रहे थे।
गौरतलब है कि इसी तरह की एक टिप्पणी में झारखंड के भाजपा विधायक बिरंची नारायण ने हाल ही में आवारा कुत्तों के लोगों पर हमला करने का मुद्दा उठाया था और कहा कि अगर राज्य सरकार समस्या का समाधान नहीं ढूंढ पाती है, तो नगालैंड के लोगों को बुलाओ और समस्या दूर हो जाएगी। बोकारो से बीजेपी विधायक ने बजट सत्र के दौरान राज्य विधानसभा में दावा किया कि अकेले रांची के डॉग बाइट सेंटर में रोजाना करीब 300 लोग पहुंचते हैं।
बिरंची ने यह भी कहा कि कुत्ते और पालतू पशु प्रेमी बिना वैध लाइसेंस के उन्हें गोद ले रहे हैं। बोकारो में आवारा कुत्तों को पकड़ने, उनका इलाज करने और उनकी नसबंदी करने की कोई व्यवस्था नहीं है।
बच्चू कडू ने सड़कों पर आवारा कुत्तों की बढ़ती संख्या पर नियंत्रण के लिए सुझाव देते हुए कहा कि यह प्रयोग शुरू किया जाना चाहिए। उन्होंने कथित तौर पर कहा, “असम में आवारा कुत्तों की मांग है। वे इसके लिए ₹ 8,000 तक खर्च कर रहे हैं। राज्य में आवारा कुत्तों की आबादी को नियंत्रित करने के लिए उन्हें असम भेजा जाना चाहिए।” विधायक की टिप्पणियों ने पशु अधिकार कार्यकर्ताओं के साथ तीखी प्रतिक्रियाएं शुरू कर दी हैं। कडू के सुझाव को अमानवीय और अपमानजनक बताया है।