अयोध्या। छात्र छात्राओं को रामायण पर पीएचडी की उपाधि सुविधा मिल सकेगी । रामनगरी को जल्द ही एक और उपलब्धि हासिल होने जा रही है। यहां हजारों विद्यार्थियों की क्षमता युक्त विश्वविद्यालय बनकर तैयार होने जा रहा है। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पहले ही घोषणा कर कर चुके हैं कि अयोध्या में उच्च शिक्षा के लिए एक ऐसे विश्वविद्यालय की स्थापना कराई जाएगी। जहां विद्यार्थी रामायण पर पीएचडी कर सकेंगे।
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ऐसे में, यह विश्वविद्यालय उच्च शिक्षण के साथ ही दिल्ली व वाराणसी स्थित बीएचयू में रामायण पर शोध को बढ़ावा देने की दिशा में भी महत्वपूर्ण कदम साबित होगा। महर्षि महेष योगी रामायण विश्वविद्यालय के संचालित होने के बाद विद्यार्थियों को उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए दूसरे बड़े शहरों का रुख नहीं करना पड़ेगा। यहां विश्वविद्यालय में यूजी और पीजी कक्षाओं के अलावा विद्यार्थी रामायण पर भी शोध कर सकेंगे तथा वेद और विज्ञान की भी कक्षाएं चलेंगी।
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रामायण विश्वविद्यालय को 21 एकड़ में बनाया जा रहा है। इसमें 12 भवन होंगे। प्रत्येक भवन चार मंजिल का होगा। महर्षि महेश योगी रामायण विद्यापीठ ट्रस्ट से जुड़े मुकेश सक्सेना के अनुसार विश्वविद्यालय के भवन के नाम राम, लक्ष्मण, भरत व शत्रुघ्न पर रखे जाएंगे। मुख्य भवन का नाम रघुकुल भवन रखा जाएगा। प्रशासनिक भवन, पुस्तकालय आदि का निर्माण तेजी से कराया जा रहा है। बताया गया है कि फिलहाल, 40 फीसदी निर्माण कार्य पूरा हो चुका है।
यूजीसी से होगा संचालित, 500 से अधिक को मिलेगा रोजगार
मुकेश सक्सेना के अनुसार विश्वविद्यालय का निर्माण ट्रस्ट करा रहा है। यह यूजीसी के नियमों पर ही संचालित होगा। सभी मानकों का ध्यान रखा जाएगा। 500 से अधिक स्थानीय लोगों को रोजगार भी मुहैया कराया जाएगा।
अगले वर्ष से शुरू होगी पढ़ाई
विश्वविद्यालय में अगले वर्ष से पढ़ाई शुरू हो जाएगी। अभी शुरुआत में यूजी और पीजी की कक्षाएं चलाई जाएंगी। इसके बाद पीएचडी की शुरुआत होगी। पाठ्यक्रम में मैनेजमेंट स्टडीज व मैनेजमेंट संबंधी कोर्स चलाने की भी योजना है। वहीं, कैम्पस सेलेक्शन के माध्यम से छात्रार-छात्राओं को रोजगार उपलब्ध कराने का माध्यम भी सुनिश्चित किया जाएगा।
रिपोर्ट-जय प्रकाश सिंह