सीखी विकास मंडल की तरफ माही बीज त्योहार मनाया गया। इस अवसर पर आईमाता की विशाल माही बीज महोत्सव 2023 में बड़ी संख्या में समाज के महिला-पुरुष व युवा-बच्चों ने सहभागिता की। ग्राम की गलियां आईमाता के जयकारों से गूंज उठी। सुबह 10 बजे मंदिर से बैंड बाजे व डीजे साथ आई माता की पूजा प्रारंभ हुई। इस दौरान धार्मिक भजनों पर युवा-बच्चे झूमते हुए चल रहे थे। वहीं समाजजन आई माता का जयघोष कर रहे थे।
विधायक असलम शेख़ इस माहि बीज महोत्सव में आये जहाँ उनको साफा पहनाया गया और आईमाता जी का फ्रेम भेंट किया। उन्होंने यहाँ मीडिया से कहा की – एक जनप्रतिनिधि होने के नाते गत २३ वर्षों से भी अधिक काल सीरवी समाज के विभिन्न गतिविधियों के साथ में जुड़ा रहा हूं. भविष्य में भी समाज के हर जनहितकारी गतिविधि में पूरा सहयोग करने का वादा करता हूँ।
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सीरवी विकास मंडल मूल रूप से राजस्थान के पाली और जोधपुर जिलों में बसा था। उनका पैतृक व्यवसाय कृषि है। इस समुदाय की पहली साक्षर पीढ़ी राजस्थान से बाहर निकली और भारत के विभिन्न दक्षिणी राज्यों के बड़े शहरों में बस गई। महाराष्ट्र में हमारा समुदाय मुंबई, पालघर, रायगढ़, पुणे, कोल्हापुर, नासिक, सांगली और सतारा जिलों में रहता है।
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हमारे लोग किराना, हार्डवेयर, मिठाई और फरसान, बर्तन आदि के छोटे-छोटे व्यवसाय में लगे हुए हैं। हम देवी आई माता की पूजा करते हैं। हमारे पास पिछले 35 वर्षों से मलाड (पश्चिम) में पठारे वाडी में आई माता मंदिर और सामुदायिक केंद्र था। हम अपनी आई माता के मंदिर में 365 दिनों तक 24 घंटे के लिए आई दीपक जलाते हैं। यह आई दीपक केसर ज्योत पैदा करता है। हम इस केसर ज्योत की पूजा करते हैं। हर साल हम भादवि बीज और माही बीज पर अपना वार्षिक धार्मिक समारोह मनाते हैं।-अनिल बेदाग