महारास्ट्र में पानी पुरी, कही गोल गप्पा, कही फुलकी आदि. मैं महिलाओं की पहली पसंद हूँ. उनकी लाली भले ही बिगड़ जाय, पर क्या मजाल की मुझे देखकर मुँह में पानी न आ जाय.
- Published by- @MrAnshulGaurav
- Monday, March 21, 2022
मैं पानी पुरी, मैं बहुत साधारण किस्म की हूं. मैं आटे, सूजी …….से बनाई जाती हूं. मैं जब पानी को अपने भीतर समा लेती हूं तो पानी पुरी बन जाती हूँ. मेरे लिए चटपटे मसालों और खटाई का भी प्रयोग किया जाता है. जब मेरे भीतर चना, मूंग या बूंदी डालकर जैसे ही मसालेदार पानी में डाला जाता है, मैं निखर आती हूँ. मेरी सुंदरता देखकर जीभ ललचाने लगती है. जीभ पर लार आ जाती है. वे मुझे चबाने को आतुर हो उठती है. मैं भी उनसे डरती नही, भिड़ जाती हूँ. उनके भीतर पेट मे घुसकर हलचल मचा देती हूं. अच्छे अच्छे पानी मांगने लगते है. खैर! मैं शांत हो जाती हूँ. लगभग पूरे देश मे मिल जाऊंगी, अलग अलग नाम से.
महारास्ट्र में पानी पुरी, कही गोल गप्पा, कही फुलकी आदि. मैं महिलाओं की पहली पसंद हूँ. उनकी लाली भले ही बिगड़ जाय, पर क्या मजाल की मुझे देखकर मुँह में पानी न आ जाय. फुटपाथ से लेकर पांच सितारा हॉटेल तक की जान हु. मेरे बिन शादी और अन्य आयोजन फीके हो जाते है.शादी ब्याह में जहाँ ज़्यादा भीड़ दिखे समझो मैं ही हूँ.
बच्चे,बुजुर्ग, जवान सब की चहेती हु.कुछ लोग मुझे बड़ी बेदर्दी से खाते है,तो कभी कभी मैं भी उनके आँसू निकाल देती हूँ. लोगो को अपने मुंह के आकार का पता मुझे खाते समय ही पता चलता है.लोग इतना पसंद करते है कि शादी ब्याह में मेरी डिमांड ज़्यादा होने के कारण अकसर कम पड़ जाती हूं. जो मुझे नही खा पाते ,उनका हाल वही होता है, कि सीट तो मिली पर विंडो वाली नही.
मैं भारतीय व्यंजनों की पहचान हु.कहते है,मेरा जन्म तो बिहार में हुआ था,मैं बिहारन हु,लेकिन अब तो पूरे देश पर छा गयी हु.अच्छे अच्छे भोजन के मामले में संयमी लोग मेरे सामने आते ही नत मस्तक हो जाते है.उनके भी लार टपकने लगती है.मेरे मौसी के लड़के वडा – पाव मुझसे जलते है.मेरे होने पर उन्हें कोई पूछता जो नही..मैं उनसे नही जलती,जलू भी कैसे जैसे जली तुरंत मेरे भीतर पानी डाल दिया जाता है.मैं किसी से नही जलती लोग मेरे आकार,स्वाद से मेरी ओर खिंचे चले आते है.
मैं रोज़गार का भी अच्छा साधन हु.मेक इन इंडिया भी हु.हा मैं पानी पुरी हू…आम क्या ! खास क्या !,अमीर क्या ! गरीब क्या !,सब की चहेती हु,तभी तो इतराती हु, अभी चलती हु,फिर मिलूंगी किसी शादी ब्याह में,ठेले पर…बाय बाय…