उत्तराखंड में मानसून के दस्तक देने के साथ ही मौसम बदल गया है। सूबे के कई क्षेत्रों में लगातार हो रही बारिश से भूस्खलन के कारण सड़कें बंद हो गई हैं, जबकि गंगा समेत कई नदियों का जलस्तर बढ़ गया है।
रुद्रप्रयाग (Rudraprayag) जिले में भारी बारिश की वजह से तीर्थयात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए केदारनाथ यात्रा एक बार फिर रोक दी गई है। यात्रियों को सोनप्रयाग और गौरीकुंड से आगे नहीं भेजा जा रहा है। मौसम विभाग ने अगले कुछ दिनों तक सूबे में भारी बारिश का पूर्वानुमान व्यक्त किया है।
सूबे में भारी बारिश से जुड़ी घटनाओं में दो व्यक्तियों की मौत हो गई है जबकि तीन अन्य घायल हो गए हैं। समाचार एजेंसी पीटीआई भाषा की रिपोर्ट के मुताबिक, रुद्रप्रयाग जिले में केदारनाथ मोटर मार्ग पर रविवार को एक वाहन के भारी बारिश के बाद हुए भूस्खलन के मलबे की चपेट में आने से उसमें सवार एक व्यक्ति की मौत हो गई। यह हादसा सोनप्रयाग के पास शटल पुल से करीब एक किलोमीटर पहले गौरीकुंड जाने वाले मोटर मार्ग पर तब हुआ जब व्यक्ति अपने वाहन में बैठा था। पहाड़ी से अचानक हुए भूस्खलन के कारण मलबे में दबकर उसकी मौत हो गई।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बारिश से हुए नुकसान के बारे में भी जानकारी ली। धामी ने अधिकारियों को उन जिलों के साथ लगातार संवाद और समन्वय बनाए रखने का निर्देश दिया, जहां अत्यधिक बारिश हो रही है।
सूबे में आगे भी भारी बारिश जारी रहने का अनुमान है। इसे देखते हुए सीएम ने जिला अधिकारियों से आपदा राहत एवं बचाव कार्यों के लिए हमेशा अलर्ट मोड में रहने के निर्देश दिए हैं। पुलिस एवं राज्य आपदा प्रतिवादन बल (एसडीआरएफ) के साथ ही स्वास्थ्य कर्मियों की भी पर्याप्त व्यवस्था रखने को कहा है ताकि आपात स्थितियों से समय रहते निपटा जा सके।
मुख्यमंत्री ने उत्तराखंड में नदी-नालों के आसपास रहने वाले लोगों को अतिरिक्त सतर्कता बरतने की सलाह दी है। उन्होंने अधिकारियों से प्रत्येक जिले में पर्याप्त मात्रा में रैन बसेरों और राहत सामग्री की व्यवस्था करने को कहा, ताकि बारिश के कारण घर छोड़ने वाले लोगों को असुविधा न हो।
मौसम विभाग की ओर से सूबे में बारिश जारी रहने के पूर्वानुमान को देखते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रविवार को आपदा नियंत्रण कक्ष का दौरा किया और सूबे में बारिश को लेकर हालात का जायजा लिया। सीएम ने चारधाम श्रद्धालुओं से मौसम की अपडेट जानकारी लेकर ही यात्रा करने की अपील की। मुख्यमंत्री ने सचिव आपदा प्रबंधन डॉ. रंजीत कुमार सिन्हा समेत नियंत्रण कक्ष में मौजूद विभिन्न अधिकारियों से प्रदेश में बारिश की स्थिति एवं उससे हुए जलभराव के बारे में जानकारी ली।