महाराष्ट्र के विभिन्न हिस्सों से मराठा समुदाय से ताल्लुक रखने वाले हजारों लोगों ने आज नौकरियों और शिक्षा सहित अन्य विभागों में आरक्षण की मांग लेकर सरकार पर दबाव बनाने के लिए यहां मार्च निकाला। कड़ी सुरक्षा व्यवस्था में आज सुबह बायकुला में जीजामाता उद्यान से मौन मार्च निकाला। मार्च में शामिल होने वाले लोग भगवा झंडे लिये थे। निजी वाहनों के साथ साथ सार्वजनिक वाहनों से लोग सवेरे से ही यहां पहुंचने लगे थे। पुलिस और यातायात कमिर्यों को भारी संख्या में आने वाले लोगों और मुंबई में वाहनों को नियंत्रित करने के लिए तैनात किया गया था।
मुंबई के मशहूर ‘डब्बावाले’ लोगों में से अधिकांश लोग मराठा समुदाय से ताल्लुक रखने वाले लोग हैं और उन्होंने भी मार्च में हिस्सा लिया। औरंगाबाद में इस तरह के पहले प्रदर्शन के ठीक एक साल बाद यह मराठा समुदाय का 58 वां मार्च था। कई मराठा समूहों के संरक्षक संगठन सकल मराठा समाज ने मार्च का आयोजन किया था। जुलाई 2016 में अहमदनगर जिले के कोपारदी गांव में मराठा समुदाय की 14 वर्षीय लड़की से बलात्कार और उसकी नृशंस हत्या की घटना के बाद राज्य के विभिन्न हिस्सों में इस तरह के ‘मूक मोर्चा’ का आयोजन किया गया था।