देश में कोरोनावायरस लॉकडाउन के अर्थव्यवस्था को तगड़ी मार पड़ी है। देश की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए केंद्र सरकार ने 20 लाख करोड़ रुपये के पैकेज का ऐलान किया। मोदी सरकार के राहत पैकेज को लेकर अब उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने बड़ी बात कही है।
मायावती ने आज कहा कि संकट की घड़ी में कें सरकार के आर्थिक पैकेज के उपयोग की भी परीक्षा होगी। सोशल मीडिया पर बेहद सक्रिय मायावती ने शुक्रवार को भी ट्वीट किया है।
उन्होंने लिखा, “वास्तव में केन्द्र ने देर से ही सही 20 लाख करोड़ रुपए का जो आर्थिक पैकेज घोषित किया है उसके भी जनहित में उचित उपयोग की परीक्षा अब यहां होनी है। आम जनता अपनी इस अभूतपूर्व दुर्दशा व बदहाली के लिए सरकारों की उपेक्षा व तिरस्कार को आगे शायद ही भुला पाए। उन्हें जीने के लिए न्याय चाहिए।”
उन्होंने आगे लिखा, “खासकर यूपी व बिहार में घर वापसी कर रहे इन बेसहारा लाखों प्रवासी श्रमिकों की रोजी-रोटी की मूलभूत समस्या का समाधान करना केन्द्र व राज्य सरकारों का अब पहला कर्तव्य बनता है। श्रमिकों को उनके घर के आसपास स्थाई रोजगार उपलब्ध कराना ही सरकार की नीयत, नीति व निष्ठा की असली परीक्षा है।”
बसपा मुखिया ने कहा, “देश में पिछले 66 दिन से लॉकडाउन होने के कारण हर प्रकार की उपेक्षा और तिरस्कार से पीड़ित होकर जैसे-तैसे घर लौटने वाले लाखों प्रवासी श्रमिकों के लिए अन्तत: माननीय कोर्ट को कहना पड़ा कि रेल-बस से उन्हें मुफ्त में घर भेजने की पूरी जिम्मेदारी सरकार की है। बीएसपी की इस मांग की सरकार अनदेखी करती रही है।”