लखनऊ। एक वर्ष पूर्व आज ही के दिन 3 अक्टूबर को लखीमपुर के तिकुनिया में हुयी हिंसा में शहीद हुये किसानों की स्मृति में राष्ट्रीय लोकदल के प्रदेश मुख्यालय में प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष मनजीत सिंह की अध्यक्षता में एक स्मृति गोष्ठी का आयोजन किया गया। गोष्ठी में उपस्थित सभी पदाधिकारियों और रालोद नेताओं ने शहीद हुये किसानों के चित्र पर मार्ल्यापण कर पुष्प अर्पित करते हुये श्रद्धांजलि दी।
रालोद के कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष मनजीत सिंह ने कहा कि आज ही के दिन भाजपा मंत्री की साजिश के तहत निर्दोष किसानों की जान गई थी और कई किसान घायल हुये थे। उनकी याद में आज हम लोग एकत्रित होकर नम आखों से उन्हें श्रद्धांजलि दे रहे हैं लेकिन दुख इस बात है कि हिंसा के आरोपी अभी भी सलाखों के पीछे होने के बजाय बेखौफ होकर बाहर किसानों का शोषण कर रहे हैं और सरकार आरोपियों पर कार्यवाही करने के बजाय उनका हित साधने पर लगी है।
राष्ट्रीय लोकदल के राष्ट्रीय प्रवक्ता अनिल दुबे ने कहा कि दोषी मंत्री को जब तक मंत्रिमण्डल से बर्खास्त नहीं किया जाता तब तक किसानों को कोई न्याय मिलना सम्भव नहीं है। काले कानूनों का विरोध कर रहे किसानों की निर्मम हत्या की गयी लेकिन सरकार ने उनको श्रद्धांजलि देना भी मुनासिब नहीं समझा। सरकार द्वारा किसानों की जो उपेक्षा की जा रही है हम उसकी निंदा करते हैं।
युवा रालोद के प्रदेश अध्यक्ष रविन्द्र सिंह पटेल ने कहा कि तिकुनिया काण्ड जलियाबाग हत्याकाण्ड की पुनरावृत्ति है। मंत्री के बेटे ने पांच किसानों को गाडी से कुचलकर मार डाला है। भाजपा के लोग सत्ता के नशे में चूर है। सभी का दमन कर रहे हैं इस समय जरूरत है कि शहादत दिवस के मौके पर संगठित होकर सरकार की जनविरोधी नीतियों का विरोध करें। वरिष्ठ नेता सुरेन्द्रनाथ त्रिवेदी ने किसानों को श्रद्धांजलि देते हुये कहा कि केन्द्र और प्रदेश की भाजपा सरकार किसानों की लगातार अनदेखी कर रही है प्रत्येक जिले में भाजपा कार्यकर्ताओं द्वारा किसानों का शोषण किया जा रहा है। उनसे ठगी की जा रही है।
वरिष्ठ नेता रजनीकांत मिश्रा ने कहा कि किसानों के प्रति कोई संवेदनशील नहीं हैं। देश में अभी तक किसानों के लिए अगर किसी ने कुछ किया है तो वह किसान मसीहा चौधरी चरण सिंह ही हैं। रालोद नेता बीएल प्रेमी ने किसानों को श्रद्धांजलि दी और कहा कि वर्तमान सरकारे किसानों का लगातार शोषण करने पर अमादा हैं। रालोद अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष आरिफ महमूद ने अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हुये कहा कि एक वर्ष पूर्व जो घाव किसानों के परिजनों को दिये गये थे उसे भुलाया नहीं जा सकता। बैठक में प्रस्ताव किया गया कि मृतक परिवार के आश्रितों को सरकार की तरफ से आश्वासन था कि सरकारी नौकरी, घायलों को दस लाख देने का वादा जो पूरा नहीं किया गया उन्हें पूरा किया जाये।
रालोद ने प्रस्ताव के माध्यम से सरकार से मांग की है कि मृतक आश्रित परिवारों को सरकारी नौकरी तथा मुआवजे के रूप में एक करोड रूपय मृतक आश्रित परिवार को जीविकोपार्जन हेतु तथा घायलों को सरकार द्वारा कम से कम 25 लाख रूपये दिये जाने की मांग करता है। तिकुनियां काण्ड में आन्दोलनरत किसानों पर फर्जी मुकदमें किये हैं जो अभी तक जेलों में बंद हैं उन्हें आन्दोलन के मुकदमें से मुक्त किया जाय। रालोद ने प्रस्ताव के माध्यम से अप्रत्यक्ष रूप से भाजपा के केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री की भूमिका पर सवाल उठाते हुये उन्हें भी बर्खास्त करते हुये अपनी मांगों को दोहराते हुये सरकार की घोर भर्तसना की तथा निंदा प्रस्ताव पास किया। स्मृति गोष्ठी का संचालन छात्रसभा के प्रदेश अध्यक्ष अमन पाण्डेय ने किया। गोष्ठी में अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष आरिफ महमूद, अफसर अली, महेश पाल धनगर, रमेश कश्यप, अवध क्षेत्र, आदित्य विक्रम सिंह, संगठन महासचिव चन्द्रकांत अवस्थी, वीरेन्द्र तोमर, मनोहर मौर्य, विश्वनाथ यादव, राजन कुमार, रिषिपाल सिंह, प्रकाश, मनोज, धमेन्द्र, महेशचन्द्र, धर्मवीर, गुरूवचन, अरूण, किरणपाल, प्रदीप कुमार, प्रशांत तोमर आदि लोग मौजूद थे।