- Published by- @MrAnshulGaurav
- Thursday, April 28, 2022
![](https://samarsaleel.com/wp-content/uploads/2022/04/119-1.jpg)
भारत रत्न लता मंगेश्कर स्वर साम्राज्ञी के रूप में प्रतिष्ठित थी। यह बात अलग है कि वह अपने को संगीत की साधिका मानती थी। वैसे समर्पित भाव की इस साधना ने उन्हें संगीत जगत के विलक्षण मुकाम पर पहुंचाया था- न भूतो न भविष्यति। यह माना जा रहा था उनकी स्मृति में शुरू किया गया सम्मान संगीत क्षेत्र की किसी विभूति को दिया जाएगा। लेकिन लता दीनानाथ मंगेशकर सम्मान सर्व प्रथम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को प्रदान किया गया। मतलब पहला लता दीनानाथ सम्मान समाज सेवा के लिए दिया गया। इस पर विचार करने के एक पीढ़ी पीछे लौटना होगा। इस सम्मान में लता के साथ दीनानाथ का भी नाम जुड़ा है।
पुरस्कार का यह नामकरण अपने में बहुत कुछ कहने वाला है। इसमें पुत्री लता और पिता दीनानाथ का नाम शामिल है। दीनानाथ मंगेशकर महान संगीतज्ञ थे। इसके साथ ही समाज व राष्ट्र कार्यों में भी उनकी रुचि रहती थी। महान स्वतन्त्रता संग्राम सेनानी वीर सावरकर और सुधीर फड़के उनके पारिवारिक मित्र थे। सुधीर फड़के समाज सेवक के साथ ही संगीतकार भी थे।
![](https://samarsaleel.com/wp-content/uploads/2022/04/123-1.jpg)
गीतरामायण रामायण के प्रसंगों पर आधारित छप्पन मराठी गीतों का संग्रह है। यह आकाशवाणी पुणे से प्रसारित होने वाला बहुत लोकप्रिय कार्यक्रम था। इसके लेखक प्रसिद्ध साहित्यकार गजानन दिगंबर माडगूलकर थे। जबकि सुधीर फड़के ने संगीतबद्ध किया था।
लता मंगेशकर को बचपन से ही संगीत के साथ ही राष्ट्र सेवा का माहौल मिला। लता मंगेशकर ने गोवा के स्वतंत्रता अभियान व चीन पाकिस्तान के आक्रमण के समय सेनानियों के उत्साहवर्धन का उल्लेखनीय कार्य किया। वीर सावरकर के प्रति उनका बहुत सम्मान भाव था।
दीनानाथ मंगेशकर की बलवंत संगीत मंडली के लिए वीर सावरक ने संन्यस्त खड्ग नामक नाटक लिखा था। भारत के स्वतन्त्र होने के सात वर्ष बाद राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवकों ने गोवा की स्वतंत्रता के लिए सशस्त्र क्रांति की योजना बनाई। इसमें बाबा साहब पुरंदरे, सुधीर फड़के, श्रीकृष्ण भिड़े आदि शामिल थे।
इस अभियान में धन संग्रह हेतु लता ने निःशुल्क कार्यक्रम किये थे। चीन व पाकिस्तान युद्ध के समय भी उन्होंने ऐसे कार्यक्रम किये थे। पुरष्कार प्राप्त करने के बाद नरेन्द्र मोदी ने लता व दीनानाथ मंगेशकर के साथ ही वीर सावरकर और सुधीर फड़के का भी स्मरण किया। ब्रिटश वायसराय के समक्ष शिमला में दीनानाथ मंगेशकर ने वीर सावरकर के देशभक्ति गीत को संगीत के साथ प्रस्तुत किया था। इसमें अंग्रेजी हुकूमत को चुनौती दी गई थी।
नरेंद्र मोदी ने वर्तमान कार्यों का भी उल्लेख किया। कहा कि देश एक भारत श्रेष्ठ भारत के आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ रहा है। लता जी एक भारत, श्रेष्ठ भारत की मधुर प्रस्तुति की तरह थीं। उन्होंने देश की तीस से ज्यादा भाषाओं में हजारों गीत गाये। आज आजादी के अमृत महोत्सव में देश अपने अतीत को याद कर रहा है। देश भविष्य के लिए नए संकल्प ले रहा है। भारत दुनिया के सबसे बड़े स्टार्टअप इको सिस्टम में से एक हैं। आत्मनिर्भर भारत अभियान तेजी से आगे बढ़ रहा है। सबका साथ, सबका विकास सबका विश्वास और सबका प्रयास चरितार्थ हो रहा है। भारत दुनिया को योग और आयुर्वेद से लेकर पर्यावरण रक्षा जैसे विषयों पर दिशा दे रहा है।